पांच महीने बाद शुरू हुई रेलवे अस्पताल की ओपीडी, रेलकर्मियों और उनके स्वजनों को मिली राहत
रेलवे ने लखनऊ को दो बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। हालात अनियंत्रित होने की दशा में कोविड केयर कोच के 20 रैक को लखनऊ के कैरिज व वैगन वर्कशॉप में तैयार किया गया। जिससे अस्पताल की कमी होने पर ट्रेनों की बोगियों में रोगियों को भर्ती किया जा सके।
लखनऊ, जेएनएन। रेलवे के बड़े अस्पतालों में से एक चारबाग स्थित मंडल इनडोर अस्पताल की ओपीडी मंगलवार से शुरू हो गई। इस 275 बेड के अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाया गया था। जिस कारण यहां पर ओपीडी बंद हो गई थी। अब रेलकर्मियों, सेवानिवृत्त रेलकर्मियों और उनके आश्रितों का रेलवे के विशेषज्ञ डॉक्टर उपचार करेंगे।
कोरोना के लिए रेलवे ने लखनऊ को दो बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। हालात अनियंत्रित होने की दशा में कोविड केयर कोच के 20 रैक को लखनऊ के कैरिज व वैगन वर्कशॉप में तैयार किया गया। जिससे अस्पताल की कमी होने पर ट्रेनों की बोगियों में रोगियों को भर्ती कर उनका उपचार किया जा सके। वहीं 275 बेड वाले मंडल अस्पताल को रेलवे ने एल-2 श्रेणी का कोविड केयर सेंटर बनाया। जिस कारण यहां चल रही ओपीडी के साथ पैथालोजी, रेडियोलोजी और पीएमई जैसी यूनिट को बंद करना पड़ा था। हालांकि रेलवे ने डॉक्टरों से परामर्श लेने की ऑनलाइन व्यवस्था के साथ अपनी हेल्थ यूनिट में ओपीडी की सुविधा दी थी। हालांकि मंडल रेल अस्पताल में आने वाले रोगियों की अधिक संख्या और जरूरी जांच न हो पाने के कारण रेलवे ने फिर से अपनी ओपीडी मंगलवार से शुरू कर दी। कोविड नियमों का पालन करते हुए ओपीडी शुरू की गई है।
''मंडल रेल अस्तपाल की ओपीडी को रेलकर्मियों और उनके परिवार को बेहतर सुविधा देने के लिए शुरू कर दिया गया है। जरूरी दवाओं की उपलब्धता अस्पताल में है। यहां कोविड नियमों के तहत ही रोगियों को प्रवेश दिया जा रहा है।'' - डॉ. विश्व मोहिनी सिन्हा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मंडल रेल अस्पताल