शादी करने वालों के लिए 365 दिनों में सिर्फ 18 मुहुर्त, शेष अगले साल

वर्ष 2018 के 365 दिनों में केवल 18 दिन ही शहनाई बज सकेगी। ऐसे यदि आप चूक गए तो आपको अपने घर तक डोली लाने के लिए अगले साल का इंतजार करना होगा।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Tue, 30 Jan 2018 04:59 PM (IST) Updated:Thu, 01 Feb 2018 08:10 AM (IST)
शादी करने वालों के लिए 365 दिनों में सिर्फ 18 मुहुर्त, शेष अगले साल
शादी करने वालों के लिए 365 दिनों में सिर्फ 18 मुहुर्त, शेष अगले साल
v>लखनऊ (जेएनएन)। वर्ष 2018 के 365 दिनों में केवल 18 दिन ही शहनाई बज सकेगी। ऐसे यदि आप चूक गए तो आपको अपने घर तक डोली लाने के लिए अगले साल का इंतजार करना होगा। दरअसल इस साल वृहस्पति और शुक्र गृह के अस्त होने से विवाह मुहूर्त बेहद कम हैं। फरवरी माह में भी केवल तीन दिन ही शादी के मुहूर्त हैं। इसके बाद 15 मार्च से 16 अप्रैल तक एक माह का खरमास रहेगा। इस दौरान सूर्य ग्रह के मीन राशि में होने से विवाह मुहूर्त नहीं हैं। इसके बाद 16 मई से 13 जून तक अधिक मास होने के कारण शादी का मुहूर्त नहीं है। अगस्त से दिसंबर माह तक विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है। इस साल सहालग कम होने से कारोबारियों के माथे पर भी चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। 

शहनाई बजने वाले मुहुर्त 

इस साल फरवरी से जुलाई माह के मध्य ही विवाह के मात्र 18 मुहूर्त हैं। इनमें से फरवरी की 18, 19 व बीस, मार्च की दो, तीन, पांच व छह, अप्रैल की 18, 20, 27, 28, 30 मई की 11 व 12, जून की 21 व 25 तथा जुलाई माह की 6 व 10 तारीख को ही विवाह मुहूर्त हैं। 

मुंडन-यज्ञोपवीत मुहूर्त 

इस साल मुंडन संस्कार और यज्ञोपवीत के महज 12-12 मुहूर्त ही हैं। यह सभी मुहूर्त फरवरी से जून माह के बीच हैं। मुंडन के सर्वाधिक मुहूर्त फरवरी माह में हैं। यह इस माह की 10, 17, 20 और 25 तारीख को पड़ रहे हैं। मार्च में 4, 6 व 13, अप्रैल में 20 व 27, मई में 10 और जून में 22 व 25 तारीख को ही मुंडन संस्कार हो सकेगा। इसी तरह यज्ञोपवीत संस्कार के लिए फरवरी माह की 17, 18 व बीस मार्च की तीन व चार अप्रैल की दो व बीस मई की चार, जून की 17, 18 व 22 तथा जुलाई की 15 तारीख को शुभ मुहूर्त हैं। 

पहला महीना सूना

श्रावस्ती में ज्योतिषाचार्य पीसी मिश्रा ने बताया कि इस साल के प्रारंभ में ही शुक्र ग्रह के अस्त होने से जनवरी का पूरा महीना ही बिना सहालग के ही बीत गया। इसी के चलते विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों के के लिए शुभ दिन माना जाने वाला बसंत पंचमी का पर्व भी सन्नाटे में गुजर गया। वसंत पंचमी के दिन से ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार जनवरी में एक भी शुभ मुहूर्त नहीं रहा। 

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