धरना-प्रदर्शन का आवेदन भी होगा ऑनलाइन, अब अनुमति के लिए नहीं काटने पड़ेगे चक्कर

नई व्यवस्था जल्द: अनुमति के लिए नहीं काटने पड़ेंगे सरकारी कार्यालयों के चक्कर। ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर हो रहा सेवाओं का विस्तार।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Nov 2018 08:57 PM (IST) Updated:Thu, 29 Nov 2018 11:00 AM (IST)
धरना-प्रदर्शन का आवेदन भी होगा ऑनलाइन, अब अनुमति के लिए नहीं काटने पड़ेगे चक्कर
धरना-प्रदर्शन का आवेदन भी होगा ऑनलाइन, अब अनुमति के लिए नहीं काटने पड़ेगे चक्कर

लखनऊ, जेएनएन। धरना-प्रदर्शन या किसी तरह की सभा की अनुमति के लिए अब सरकारी कार्यालयों से लेकर थाना-पुलिस की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। जल्द ही ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर धरना-प्रदर्शन और दूसरे आयोजनों की अनुमति के लिए भी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मिलने जा रही है। जरूरी सेवाओं को आसान बनाने के लिए ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल की शुरुआत की गई थी। प्रशासन द्वारा लगातार जन केंद्रित सेवाओं का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से प्रमाणपत्र, शिकायतें, जन वितरण प्रणाली, पेंशन, विनमय, खतौनी, राजस्व वाद और रोजगार केंद्रों में पंजीकरण सेवाओं को सम्मिलित किया गया है। 

अभी धरना-प्रदर्शन और दूसरे आयोजनों की अनुमति के लिए लोगों को सरकारी कार्यालयों से थाने और चौकी तक भटकना पड़ता है। इनके लिए ऑनलाइन अनुमति जारी करने की तैयारी चल रही है। आवेदक को बस ऑनलाइन फार्म भरना होगा, बाकी काम निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निश्चित समयावधि में होगी। पोर्टल पर फार्म भरने होने के बाद आवेदन संबंधित एसडीएम या एसीएम को भेज दिया जाएगा। वहां से संबंधित थाने और तहसील से रिपोर्ट मांगी जाएगी। रिपोर्ट मिलने के बाद अनुमति जारी कर दी जाएगी। 

ये सेवाएं पहले ही हो चुकीं ऑनलाइन

निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, लोक संबोधन प्रणाली के लिए अनुज्ञा, आय प्रमाण पत्र, खतौनी की नकल, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, रोजगार पंजीकरण, रोजगार पंजीकरण का नवीनीकरण, कुटुंब रजिस्टर की नकल, वृद्धावस्था पेंशन, असहाय व्यक्तियों के इलाज और पुत्री की शादी के लिए सहायता, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, छात्रवृत्ति, विधवा पेंशन, दंपती पुरस्कार योजना, दहेज प्रथा से पीडि़त महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता। 

यहां करें आवेदन: edistrict.up.nic.in

क्या कहना है अफसर?

एडीएम वित्त अवनीश सक्सेना का कहना है कि ई डिस्ट्रिक्ट के तहत अधिकांश सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है, ताकि ई कार्यालय की परिकल्पना को साकार किया जा सके। 

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