Mission Shakti: यूपी में दिखने लगी 'मिशन शक्ति' की ताकत, दो दिनों में 14 आरोपितों को फांसी की सजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध अपराधों पर अंकुश के लिए 17 अक्टूबर को जिस मिशन शक्ति का शुभारंभ किया उसकी ताकत दिखनी शुरू हो गई है। मिशन के तहत अभियोजन अधिकारियों ने अपनी मजबूत पैरवी से कोर्ट में आरोपितों की पैरवी को पीछे धकेलना शुरू कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 10:28 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 10:29 PM (IST)
Mission Shakti: यूपी में दिखने लगी 'मिशन शक्ति' की ताकत, दो दिनों में 14 आरोपितों को फांसी की सजा
यूपी में 17 अक्टूबर को जिस मिशन शक्ति अभियान का शुभारंभ किया, उसकी ताकत सामने आना शुरू हो गई है।

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों पर अंकुश के लिए 17 अक्टूबर को जिस मिशन शक्ति अभियान का शुभारंभ किया, उसकी ताकत सामने आना शुरू हो गई है। मिशन के तहत अभियोजन अधिकारियों ने अपनी मजबूत पैरवी से कोर्ट में आरोपितों की पैरवी को पीछे धकेलना शुरू कर दिया है। मिशन शक्ति के शुरुआती दो दिनों में महिलाओं और मासूसों के साथ दरिंदगी व हत्या के 11 मामलों में 14 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाई गई है। इसके अलावा ऐसे 11 मुकदमों में 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के पहले व दूसरे दिन अभियान के तहत अभियोजन अधिकारियों ने बड़ी सफलता हासिल की है। फांसी व आजीवन कारावास के अलावा महिलाओं व बच्चों के साथ हुई संगीन घटनाओं के आठ मामलों में 22 आरोपितों को कारावास व आर्थिक दंड की सजा दिलाई गई। अभियान के दूसरे दिन 19 अक्टूबर को 28 मुकदमों में 30 आरोपितों के विरुद्ध पत्रावलियां सत्र न्यायालय पहुंचाई गईं, जिनमें विचारण शुरू नहीं हो पा रहा था।

इसी तरह अभियान के तहत दो दिनों में 54 मामलों के कुल 62 आरोपितों के विरुद्ध पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं। इसके अलावा 347 आरोपितों की जमानत निरस्त कराने में भी सफलता हासिल की गई। साथ ही गुंडा एक्ट के तहत 101 आरोपितों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि दुष्कर्म के मामलों में कड़ी पैरवी कर आरोपितों को फांसी की सजा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि 17 अक्टूबर से 22 अप्रैल 2021 तक मिशन शक्ति के तहत महिला व बाल अपराधों में अभियान के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

इन मामलों में हुई फांसी की सजा

औरैया में किशोरी की घर में घुसकर हत्या में आरोपित अजय कुमार को सजा हापुड़ में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में आरोपित अंकुर तेली व सोनू उर्फ पउवा को सजा मुजफ्फरनगर में फिरौती के लिए अपहरण व हत्या में आरोपित कलीम उर्फ कल्लू को सजा रामपुर में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित नाजिल को सजा लखनऊ में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित बबलू को सजा अमरोहा में वृद्धा से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित उपेन्द्र को सजा बरेली में किशोरी से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित मुरारी लाल व उमाकांत गंगवार को सजा। अयोध्या में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित संतोष नट व तेजपाल नट को सजा। आगरा की दो घटनाओं में भी आरोपितों को सजा।

ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर नंबर वन यूपी : ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर सबसे अधिक करीब 17 लाख सूचनाएं दर्ज कर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड करने के मामले में कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, बिहार, असम, तमिलनाडु, राजस्थान व गुजरात काफी पीछे हैं। करीब 23 हजार सूचनाएं दर्ज कर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय का कहना है कि पोर्टल पर अधिक सूचनाएं दर्ज होने का लाभ आरोपितों को जल्द सजा दिलाने के तौर पर मिल रहा है।

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