Mining Scam : ईडी की पूछताछ के बाद बाहर निकलीं बीं चंद्रकला की मीडिया के सवालों पर चुप्पी

2008 बैच की आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला के चेहरे पर कल को वह रुतबा नहीं था, जो चंद वर्ष पहले नजर आता था। मीडिया के सामने बेहद खुशनुमा अंदाज में आने वाली बी. चंद्रकला कल जुदा सी थीं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 11:27 AM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 02:08 PM (IST)
Mining Scam : ईडी की पूछताछ के बाद बाहर निकलीं बीं चंद्रकला की मीडिया के सवालों पर चुप्पी
Mining Scam : ईडी की पूछताछ के बाद बाहर निकलीं बीं चंद्रकला की मीडिया के सवालों पर चुप्पी

लखनऊ, जेएनएन। अखिलेश यादव के शासनकाल में डीएम हमीरपुर समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहीं 2008 बैच की आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला के चेहरे पर कल को वह रुतबा नहीं था, जो चंद वर्ष पहले नजर आता था। मीडिया के सामने बेहद खुशनुमा अंदाज में आने वाली बी. चंद्रकला कल जुदा सी थीं।

अपनी सेल्फी से लेकर प्रमुख आयोजनों की तस्वीरों को शेयर कर सोशल मीडिया पर कम समय में ही लाखों लाइक्स बटोरने वाली बी.चंद्रकला इस बार मीडिया के कैमरों की फ्लैश लाइट से घबरा रही थीं। कैमरों से नजर चुराते हुए वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर से जब बाहर आईं तो कुछ देर के लिए चेहरे के भाव सामान्य करने की कोशिश भी की। कार में सवार होकर वह तेजी से बाहर की ओर निकल गईं। इस बार मीडिया के सवालों पर चंद्रकला चुप्पी साधे रहीं।

खनन घोटाले में आरोपित बी.चंद्रकला बुधवार को जब ईडी के दफ्तर पहुंची तो उन्हें कांफ्रेंस हॉल में बैठाकर लंबी पूछताछ की गई। यहां के सूत्रों का कहना है कि पट्टों के आवंटन व उनके नियमों से जुड़े सवालों पर कई बार वह कुछ देर के लिए चुप भी हो गईं। इसके बाद फिर शासनादेशों का हवाला देकर यह साफ करने की कोशिश करती रहीं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। जो किया सब नियमों के दायरे में रहकर किया। चंद्रकला के चेहरे पर तनाव भी साफ नजर आ रहा था, लेकिन वह सामान्य दिखने का प्रयास करती रहीं।

कैबिनेट के फैसलों तक को खंगालेगी ईडी

ईडी अपनी जांच में खनन पट्टों को लेकर हुए शासनादेशों की तह तक जाने का प्रयास करेगी। इसके लिए खनन नीति को लेकर कैबिनेट में लिये गये फैसलों को भी खंगाला जायेगा। यह फैसले किसके कहने पर लिये गये और उनमें मुख्य भूमिका किनकी थी, यह बिंदु भी जांच के दायरे में होंगे। माना जा रहा है कि ऐसे में जांच के दायरे में सपा शासनकाल के कई राजनेता व वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे।

काली कमाई से जुटाई गई संपत्ति होगी अटैच

लखनऊ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का कहना है कि गलत तरीके से हासिल पट्टों के जरिये कमाया गया धन किसने कहां निवेश किया, इसकी तो सिलसिलेवार जांच कराई जायेगी। काली कमाई से जो भी संपत्ति जुटाई गई होगी, उसे ईडी अटैच करेगी। 

खनन घोटाले में आठ घंटे पूछताछ

बहुचर्चित खनन घोटाले में आरोपित आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में कल आठ घंटों तक लंबी पूछताछ की गई। अफसरों ने चंद्रकला के डीएम हमीरपुर के पद पर तैनात रहते हुए जारी खनन के 36 पट्टों के बारे में सिलसिलेवार पूछा। बार-बार इस सवाल पर कि यह पट्टे उन्होंने किसके कहने पर दिये थे, चंद्रकला ने शासनादेशों का हवाला दिया। उन्होंने कुछ शासनादेश भी ईडी को सौंपे। साथ ही अपना 10 वर्ष  का आइटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) तथा संपत्तियों का ब्योरा भी सौंपा। इस मामले में चंद्रकला से पूछताछ में सामने आये तथ्य कई बड़ों की ओर इशारा कर रहे हैं। ईडी की जांच का घेरा कई तत्कालीन मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कस सकता है। यह पहला मौका था जब खनन घोटाले के मामले में ईडी के अधिकारियों ने आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला से आमने-सामने पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किये। इससे पूर्व ईडी ने उन्हें नोटिस देकर 24 जनवरी को पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन चंद्रकला नहीं आई थीं। तब चंद्रकला के वकील ने ईडी के लखनऊ स्थित जोनल मुख्यालय पहुंचकर कुछ दस्तावेज सौंपे थे। ईडी ने फिर से नोटिस दी थी। चंद्रकला कल सुबह 9:30 बजे अपने वकील सैय्यद अब्बास के साथ ईडी आफिस पहुंची, जहां से वह शाम करीब 5:50 बजे बाहर निकलीं। 

दोबारा भी होगी पूछताछ 

बी.चंद्रकला से पूछताछ में सामने आये तथ्यों के आधार पर ईडी और गहनता से छानबीन में जुट गई है। अधिकारियों का कहना है कि केवल शासनादेशों का हवाला देकर वह पट्टों के आवंटन में अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकतीं। सूत्रों का कहना है कि ईडी जल्द बी.चंद्रकला को पूछताछ के लिए फिर तलब करने की तैयारी में है। 

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