50 लाख से ज्यादा की ठगी पर कमेटी करेगी विवेचना, जालसाजी के मामलों में होगी पड़ताल

जालसाजी के मामलों में आ रही पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर ने जारी किया आदेश संबंधित क्षेत्र के डीसीपी एडिशनल डीसीपी और एसीपी कमेटी में शामिल।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 07:06 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 07:06 AM (IST)
50 लाख से ज्यादा की ठगी पर कमेटी करेगी विवेचना, जालसाजी के मामलों में होगी पड़ताल
50 लाख से ज्यादा की ठगी पर कमेटी करेगी विवेचना, जालसाजी के मामलों में होगी पड़ताल

लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र]। घर बनाने की चाहत में लोग जीवन भर की कमाई प्लॉट अथवा फ्लैट खरीदने के लिए निवेश करते हैं और बिल्डरों के झांसे में आकर वह अपनी मोटी रकम गंवा देते हैं। राजधानी में हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं जो ठगी के शिकार हो चुके हैं। धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए हड़पने के मामले में वृद्धि होता देख पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने एक नया आदेश जारी किया है। इसके तहत 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी के मामले की विवेचना वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी करेगी।  इस कमेटी में संबंधित क्षेत्र के डीसीपी, एडिशनल डीसीपी और एसीपी शामिल होंगे।

50 लाख रुपये से कम की जालसाजी की विवेचना संबंधित विवेचक करेगा। हालांकि एसीपी इन मामलों का पर्यवेक्षण करेंगे। अगर विवेचना में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो पर्यवेक्षक से भी जवाब तलब किया जाएगा। पुलिस आयुक्त के मुताबिक जालसाजी के मामले लंबे समय से लंबित थे, जिनमें कुछ का निस्तारण भी कराया गया है। हालांकि ठगी के शिकार लोगों की विवेचना से संबंधित लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद नया नियम लागू किया गया है। जालसाजी के दर्ज हैं सैकड़ों मुकदमें  राजधानी के अलग अलग थानों में जमीन व प्लाट दिलाने के नाम पर सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं।

हजरतगंज, गोमतीनगर, विभूतिखंड, वजीरगंज, सरोजनीनगर, पीजीआइ व मोहनलालगंज समेत अन्य थानों में ऐसी विवेचनाएं लंबित पड़ी हैं। अंसल, रोहतास, आर संस व शाइन सिटी समेत कई ऐसे बिल्डर्स हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपये हड़पे हैं।  थानों के चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति पुलिस आयुक्त के मुताबिक कमेटी गठित करने से अब फरियादियों को थानों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल सकेगी। विवेचक बेवजह पीड़ितों को परेशान नहीं कर सकेंगे। पीड़ित कमेटी में शामिल अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर अपनी शिकायत कर सकेंगे। ऐसे में गड़बड़ी पाए जाने पर विवेचक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

 
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