World Disability Day 2019: मिलिए दिव्यांगों की दुनिया के 'सूरज' से, दूसरों के जीवन को दे रहा रोशनी Lucknow News

World Disability Day 2019 200 से अधिक दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़े करने वाले हैं सूरज।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 12:49 PM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 12:49 PM (IST)
World Disability Day 2019: मिलिए दिव्यांगों की दुनिया के 'सूरज' से, दूसरों के जीवन को दे रहा रोशनी Lucknow News
World Disability Day 2019: मिलिए दिव्यांगों की दुनिया के 'सूरज' से, दूसरों के जीवन को दे रहा रोशनी Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। तीन साल की उम्र में पोलियो की चपेट में आए जिस सूरज के भविष्य को लेकर माता-पिता और सगे संबंधी परेशान रहते थे। वहीं, सूरज अब अपने जैसे लोगों की जिंदगी में समृद्धि की रोशनी ला रहा है। अपने जैसे 200 से अधिक दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़े करने वाले सूरज प्रदेश के दो लाख से अधिक दिव्यांगों की समस्याओं को हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से न केवल सुनते हैं बल्कि उन्हें न्याय भी दिलाते हैं वह भी निश्शुल्क।  

राजधानी के आइआइएम रोड स्थित सैथा निवासी सूरज कुमार के पिता का निधन हुआ तो उनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां भी आ गईं। 38 वर्षीय सूरज ने आर्थिक तंगी के कारण सिर्फ इंटर तक की पढ़ाई की।

दिव्यांग को बस से बाहर फेंक दिया

बात 2008 की है। सूरज राजधानी से रोडवेज बस से बाराबंकी जा रहे थे। सफर के दौरान बस के कंडक्टर ने एक दिव्यांग को बस से बाहर फेंक दिया। यह देख वे कुछ बोलते इससे पहले कंडक्टर उसे बाहर फेंक चुका था, बस उस दिन के बाद से सूरज ने दिव्यांगों की लड़ाई लडऩे का संकल्प लिया फिर दोबारा पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक वर्ष मदद करने के बाद कुछ सफलता मिली, लेकिन किसी संस्था के बगैर उनका मिशन रुक रहा था। 19 जून 2009 को उत्तर प्रदेश विकलांग मंच का गठन किया। सरकारी योजनाओं की हर जानकारी अब उनकी जुबान पर रहती है। प्रदेश के 40 जिलों में 2.23 लाख दिव्यांगों को उन्होंने मंच से जोड़ा और दिव्यांग पेंशन से लेकर अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया। पिछले वर्ष उन्होंने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर भी बनाया था, जिसके माध्यम से दिव्यांग मदद ले सकते हैं। दिव्यांग जन विकास विभाग की ओर से उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है। 

70 दिव्यांगों को दिलाए 2.88 करोड़ 

अलीगंज निवासी राजीव यादव पैर से दिव्यांग हैं। घर चलाना मुश्किल हो गया था। सूरज ने उन्हें ढाई लाख का बैंक से लोन दिलाया और अब वह अपनी खुद की दुकान चला रहे हैं। चंद्रिका देवी मंदिर के बबलू सिंह भी एक लाख लोन पाकर अपनी जिंदगी संवार रहे हैं। ऐसे ही राजधानी के 70 लोगों को 2.88 करोड़ रुपये की सहायता दिलाकर सूरज उनके जीवन में समृद्धि ला रहे हैं। उनका कहना है कि यही मेरा मेहनताना है कि वह दिव्यांगों के जीवन में समृद्धि ला रहे हैं। 

आज हौसले का होगा सम्मान

उत्कृष्ट शिक्षिका का मिलेगा अवार्ड 

राजाबाजार की रहने वाली मूकबधिर मनीषा रस्तोगी अब अपने जैसे बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दे रही हैं। पति मनोज के साथ आपस में इशारों में ही सबकुछ कहने की क्षमता रखने वाली ऐशबाग के एनसी चतुर्वेदी स्कूल में ऑर्ट टीचर के रूप में तैनात मनीषा बच्चों में खुद की तस्वीर देखती हैं। 

सूर्य प्रताप भी होंगे पुरस्कृत 

वजीर हसन रोड निवासी सूर्य प्रताप शर्मा का भी नाम राज्य पुरस्कार की सूची में है।  उन्होंने 2017 में पोलैंड में हुए विश्व आर्म रेसलिंग कप को जीत कर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। अस्थि दिव्यांग सूर्य प्रताप एमबीए करने के बाद से रेसलिंग के खिलाड़ी बन गए हैं। 2015 में प्रदेश सरकार उन्हें लक्ष्मण पुरस्कार से भी सम्मानित कर चुकी है। पिछले वर्ष भी वे पोलैंड के विश्वकप में जा चुके हैं और मेडल अपने नाम किया है। 

दिव्यांगों की खेल प्रतिभा निखारने के लिए सलाम 

पिछले डेढ़ दशक से अधिक समय से दिव्यांगों के अदंर छिपी खेल प्रतिभा को निखारने वाले गौरव खन्ना को भी तीन दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा। तीन खिलाडिय़ों को अर्जुन पुरस्कार दिला चुके गौरव को मूकबधिर से बात करने के लिए साइन भाषा भी आती है। 

इच्छा की दृढ़ता कमाल 

चांदगंज की रहने वाली 16 वर्षीय इच्छा पटेल सामान्य खिलाडिय़ों के साथ दो-दो हाथ कर पावर लिफ्टिंग के सब जूनियर की चैंपियन बन गईं। वेट लिफ्टिंग में लक्ष्मण पुरस्कार प्राप्त पिता ललित कुमार पटेल ही इच्छा के गुरु भी हैं। मानसिक मंदित इच्छा पावर लिफ्टिंग के साथ ही अब वेट लिफ्टिंग की भी पै्रक्टिस कर रही हैं। अगले वर्ष असम में होने वाले खेलो इंडिया के लिए भी इच्छा का चयन हो गया है। 

दिव्यांगजन सशक्तीकरण के लिए पुरस्कार 

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिंब सेंटर में नेशनल सोशल सर्विस अधिकारी के तौर पर तैनात शोभाराम यादव को मरीजों की उत्कृष्ट सेवा के लिए पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा न्यू हैदराबाद की दिव्यांग एक उम्मीद संस्था को भी दिव्यांगों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। महानगर रेलवे क्रॉसिंग के पास दिव्यांगों को बाधा रहित सेवा देने के लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ परसंस विद डिसएबिलिटीज के प्रतिनिधियों को पुरस्कृत किया जाएगा।  

इसलिए मनाया जाता है विश्व दिव्यांग दिवस

दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की 1992 में हुई आम बैठक में तीन दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। उप निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग  अमित सिंह ने बताया कि दिव्यांगता के बावजूद उत्कृष्ट कार्य करने वालों का हौसला बढ़ाने के लिए हर वर्ष तीन दिसंबर को यह पुरस्कार दिया जाता है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को भी पुरस्कृत करने का भी प्रावधान है। तीन दिसंबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राजधानी ही नहीं प्रदेशभर के चयनित दिव्यांगों को पुरस्कृत किया जाएगा। सुबह 10:30 बजे से होने वाले समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।

chat bot
आपका साथी