स्‍कूटी के चालान से बचने को लखनऊ की युवती ने अपनाया खास तरीका, जान‍िए कैसे खुला राज

चालान से बचने के लिए लखनऊ की रहने वाली अलीशा बबली बनकर ट्रैफ‍िक पुलिस की आंखों में धूल झोंकती रही। उसने मोहल्ले में रहने वाली युवती की स्कूटी का नंबर अपनी स्कूटी में डलवा लिया। इससे ट्रैफिक नियम अलीशा तोड़ती और चालान विदिशा के यहां पहुंचता।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 08:58 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 07:17 AM (IST)
स्‍कूटी के चालान से बचने को लखनऊ की युवती ने अपनाया खास तरीका, जान‍िए कैसे खुला राज
स्कूटी में डाल रखा था पड़ोस में रहने वाली लड़की की गाड़ी का नंबर।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजधानी के लगभग हर एक चौराहे पर लगे कैमरों से ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों को तोड़ने वालों का दनादन चालान कर रही है। चालान से बचने के लिए ठाकुरगंज के हुसैनाबाद रामगंज की रहने वाली अलीशा 'बबली' बनकर पुलिस की आंखों में धूल झोंकती रही। उसने मोहल्ले में रहने वाली विदिशा की स्कूटी का नंबर अपनी स्कूटी में डलवा लिया। ट्रैफिक नियम अलीशा तोड़ती और चालान विदिशा के यहां पहुंचता। इससे त्रस्त होकर विदिशा के पिता ने पुलिस में शिकायत की।

ठाकुरगंज पुलिस ने मंगलवार को बंधा रोड से अलीशा को स्कूटी समेत गिरफ्तार कर लिया। ठाकुरगंज इंस्पेक्टर हरिशंकर चंद्र ने बताया कि विदिशा के पिता की तहरीर पर स्कूटी नंबर के आधार पर अज्ञात युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

ट्रैफिक पुलिस की आठ सदस्यीय टीम डेढ़ साल में अलीशा का नहीं लगा पाई थी सुराग : पुलिस सूत्रों के मुताबिक अलीशा ने लाकडाउन के दौरान जून 2020 में विदिशा की गाड़ी का नंबर अपनी स्कूटी में डलवाया था। अलीशा की गाड़ी का हर माह करीब दो से तीन बार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर चालान होता था। इसका मैसेज विदिशा के पिता के मोबाइल पर जा रहा था। पिता ने विदिशा से पूछा कि गाड़ी निकल नहीं रही तो चालान कैसे हो रहे हैं। आए दिन चालान का मैसेज आने से वह परेशान हो जाते।

उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों से मामले की शिकायत की। इसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर आठ सदस्यीय ट्रैफिक पुलिस की टीम गठित की गई। टीम गाड़ी की करीब डेढ़ साल तक तलाश करती रही पर सुराग नहीं लगा। इसके बाद विदिशा के पिता ने बीती 15 जनवरी को थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था।

chat bot
आपका साथी