ले. जनरल बीएस नेगी बने मध्य कमान सेनाध्यक्ष
कारगिल युद्ध के समय ऑपरेशन विजय में अपने पराक्रम से दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी अब मध्य कमान के सेनाध्यक्ष होंगे। फिलहाल ले. जनरल नेगी कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यकरत थे।
लखनऊ। कारगिल युद्ध के समय ऑपरेशन विजय में अपने पराक्रम से दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी अब मध्य कमान के सेनाध्यक्ष होंगे। फिलहाल ले. जनरल नेगी कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यकरत थे।
भारतीय सेना में ले. जनरल नेगी ऑपरेशन मैन के रूप में विख्यात है। चीन के मामलों में अहम जानकारी रखने वाले ले. जनरल नेगी ने देश के सबसे बड़े कमान मध्य कमान के सेनाध्यक्ष का पूर्ण रूप से कार्यभार आज ग्रहण कर लिया। मध्य कमान में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य आते हैंं। इसमें उत्तराखंड से सटी हुई चीन की सीमा भी है। जहां बीते वर्ष चीनी सेना की घुसपैठ की कोशिश के मामले भी सामने आ चुके हैं।
ले. जनरल नेगी इससे पहले एक दिसंबर से कल तक मध्य कमान के कार्यवाहक सेनाध्यक्ष का जिम्मा संभाल रहे थे। ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी इससे पहले देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के कमांडेंट थे। ले. जनरल नेगी जम्मू कश्मीर में 14 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। ले. जनरल नेगी ने दिसंबर 1978 में आसाम रेजीमेंट में कमीशंड प्राप्त किया था।
सैन्य आपरेशन के विशेषज्ञ
उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू कश्मीर में कई सैन्य आपरेशनों में अपनी अहम भूमिका निभाई है। कारगिल युद्ध के समय उन्होंने बाहरी क्षेत्रों में ऑपरेशन विजय चलाकर आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेरा था। इसके अलावा आपरेशन मेघदूत, आपरेशन रक्षक, आपरेशन पराक्रम, ऑपरेशन फॉलकन और ऑपरेशन टाइडेंट व अन्य अहम नियुक्तियों के दौरान सफल कार्य को अंजाम दिया।
मिला है वीरता का पदक
ले. जनरल नेगी को सियाचिन में वीरतापूर्ण कार्यों के लिए 1998 में युद्ध सेवा पदक, जम्मू कश्मीर में सराहनीय कार्यों के लिए 2012 में सेना पदक और महत्वपूर्ण योगदान के लिए 2009 व 2013 में विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया।
चीन को बखूबी समझते हैं ले. जनरल नेगी
चीन के हर कदम और वहां की अर्थव्यवस्था सहित कई अहम बिन्दुओं की जानकारी ले. जनरल नेगी को है। ले. जनरल नेगी ने डॉक्ट्रेट ऑन चाइना पर दो बार एमफिल किया है। वह डॉक्ट्रेट ऑन तिब्बत के लिए काम कर रहे हैं। इनको मोटरबाइक के साथ घुड़सवारी व पर्वतारोहण का शौक है।