LockDown 4.0 in UP: COVID-19 लॉकडाउन 4.0- UP में रेड जोन में होगी अब और सख्ती

LockDown 4 UP News उत्तर प्रदेश में इसमें सख्ती भी बढ़ाई गई है जबकि राहत वाली जगहों पर थोड़ी छूट भी दी गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 18 May 2020 10:33 AM (IST) Updated:Mon, 18 May 2020 02:37 PM (IST)
LockDown 4.0 in UP: COVID-19 लॉकडाउन 4.0- UP में रेड जोन में होगी अब और सख्ती
LockDown 4.0 in UP: COVID-19 लॉकडाउन 4.0- UP में रेड जोन में होगी अब और सख्ती

लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने की खातिर देश में तीन बार लॉकडाउन में भी अपेक्षित सुधार न होने पर सोमवार से लॉकडाउन 4.0 लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश में इसमें सख्ती भी बढ़ाई गई है, जबकि राहत वाली जगहों पर थोड़ी छूट भी दी गई है। देश के साथ ही उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन को अब 31 मई तक बढ़ाया गया है। 

देशव्यापी लॉकडाउन के चौथे चरण के लिए जारी दिशानिर्देशों में राज्यों की राय को ध्यान में रखा गया है। 11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में सामने आए विचारों के आधार पर ही दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। सोमवार से बिना मास्क, गमछा के निकले तो जुर्माना भरना पड़ेगा। सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा, खैनी खाकर थूकने पर भी जुर्माना लगेगा। इसके लिए पुलिस कार्रवाई भी कर सकती है।

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। पहले लॉकडाउन में नियम काफी सख्त थे। इसके बाद 15 अप्रैल से लॉकडाउन 2.0 शुरू हुआ, जोकि 3 मई तक चला। कोरोना के मामलों में कमी न आने पर फिर से लॉकडाउन 3.0 बढ़ाया गया, जोकि 17 मई को खत्म हो गया है। अब लॉकडाउन का चौथा चरण 4.0 18 मई से  31 मई तक चलेगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चंद रोज पहले ही संकेत दिया था कि राज्य में लॉकडाउन 4.0 में भी छूट की बहुत ज्यादा गुंजाइश नहीं रहेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है और वह नहीं चाहते कि कम्युनिटी स्प्रेडिंग हो। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 4 में भी ज्यादा छूट देने में हमें कठिनाई महसूस हो रही है। इस बीच जो लोग अन्य राज्यों और शहरों से आ रहे हैं, उनके लिए भी व्यवस्थाएं करना हमारी पहली प्राथमिकता है।

कुछ पाबंदियों में ढील तो कुछ शर्तों में बदलाव

कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के प्रयास के बीच में देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन की अवधि को 31 मई तक बढ़ा दिया है। लॉकडाउन-4 में जहां कई पाबंदियों में ढील दी गई है, वहीं कुछ शर्तों में भी बदलाव किए गए हैं। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के तहत अब राज्य सरकारों को इस बात के अधिकार दिए गए हैं कि वह अपने स्तर से जोन का बंटवारा कर सकेंगे। इसके मुताबिक ही लॉकडाउन के नियम लागू किए जाएंगे। रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन का निर्धारण राज्यों में अलग-अलग आधार पर किया जा सकेगा।

लॉकडाउन 4 की यह है गाइडलाइन

1- लॉकडाउन 4 के तहत जिला प्रशासन रेड और ऑरेंज जोन में किसे कंटेनमेंट जोन बनाना है, इसका निर्धारण राज्यकरेगा।

2- कंटेनमेंट जोन में किसी भी काम के लिए अनुमति लेनी होगी। लोगों की आवाजाही पर रोक होगी, लेकिन मेडिकल इमर्जेंसी और इससे जुड़े काम हो सकेंगे।

3- कंटेनमेंट जोन में कोरोना वायरस के मरीजों की पड़ताल के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलेगा, ताकि महामारी के फैलने को पूरी तरह से रोका जा सके।

4- देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी सभी जोन में शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक आम लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी। जिला प्रशासन इन क्षेत्रों के लिए आदेश जारी करेगा।

5- गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइन के तहत बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की हिदायत दी गई है। यूपी में भी इसका पालन करना होगा।

उत्तर प्रदेश के 19 शहर रेड जोन में

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित के आंकड़े अन्य राज्यों से भले ही कम हों, लेकिन यहां के 19 जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है। प्रदेश के 19 जिलों को रेड जोन, 36 को ऑरेंज जोन तथा 20 को ग्रीन जोन में रखा गया है। रेड जोन वाले इलाकों में अभी पाबंदियां जारी रहेंगी।

उत्तर प्रदेश के रेड जोन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही सर्वाधिक संक्रमित आगरा भी रेड जोन में हैं। इनके अलावा मेरठ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा और बरेली को रेड जोन में रखा गया है।

उत्तर प्रदेश के ऑरेंज जोन

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के अपेक्षाकृत कम असर वाले जिले, लेकिन संवेदनशील को ऑरेंज जोन में रखा गया है। इनमें गाजियाबाद, हापुर, बागपत, बस्ती, बदायूं, सम्भल, ओरैया, शामली, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदौही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई व कौशाम्बी को जगह मिली है। शामली रेड जोन से ओरेंज जोन में आया, लेकिन राहत नही मिलेगी। डीएम ने किया सपष्ट ओरेंज जोन में अभी कोई रियायत नही मिलेगी। तीन मई के बाद भारत सरकार के निर्देश मिलने पर मिले निर्देशो का पालन कराया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश के ग्रीन जोन

उत्तर प्रदेश के उन जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है, जिनको तीन मई के बाद राहत मिलेगी। यहां पर भी लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों को बचाव का उपाय करने के साथ ही मास्क भी पहनना अनिवार्य होगा। घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना और शारीरिक दूरी का ध्यान रखना जरूरी होगा। ग्रीन जोन में बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अम्बेडकरनगर, बलिया, चंदौली, चित्रकुट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र व अमेठी को रखा गया है।

उत्तर प्रदेश में अब हालात अलग

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन 3.0 लागू होने के दौरान 75 में से 16 जिले कोरोना फ्री थे, लेकिन अब मामला अलग है। रेड जोन में शामिल रहे आगरा, मेरठ, लखनऊ, कानपुर के साथ ही अन्य 19 शहरों में स्थिति खराब ही होती गई। इसी कारण अब सूबे में लॉकडाउन-4.0 को लागू करने के साथ ही सख्ती भी बढ़ा दी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इसका संकेत भी दिया था।

नियमों को और सख्त बनाया गया

लॉकडाउन 4.0 में नियमों को और सख्त बनाया गया है। इनका उल्लंघन करने पर सजा भी निर्धारित कर दी गई है। इस बार गाइडलाइन में साफ बताया गया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर आपको सजा भी हो सकती है। गृह मंत्रालय की ओर से फिर नई गाइडलाइन जारी की गई है। इस बार कार्यस्थल के लिए भी सख्त गाइडलाइन जारी की गई है। हर कार्यस्थल में थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश और सैनिटाइजर की उपलब्धता को सभी प्रवेश और निकास द्वारों और कॉमन एरिया में सुनिश्चित करने का निर्देश है। कार्यस्थल को लगातार सैनिटाइज करने के साथ ही सार्वजनिक सुविधाओं और सभी स्थल जो मानव संपर्क में आते हैं जैसे दरवाजे के हैंडल आदि को सैनिटाइज करें। हर जगह कार्यस्थल पर प्रभारी व्यक्ति शारीरिक दूरी का पालन कराएं, श्रमिकों के मध्य पर्याप्त दूरी बने रहे, दो शिफ्ट के मध्य और लंच ब्रेक के दौरान स्टॉफ के मध्य दूरी रहे।

आगरा को कोई नई छूट नहीं

आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने स्पष्ट किया है कि आगरा की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अभी केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देश पर बनाई जा रही प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है। इसके आने के बाद आगे की स्थिति तय की जाएगी। फिलहाल पाबंदियां जारी रहेंगी। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सोमवार से दोपहिया वाहनों की चेकिंग और तेज की जाएगी। जो लोग बगैर मास्क के निकलेंगे, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। चेकिंग के लिए हर चौराहे, तिराहे पर पुलिस तैनात रहेगी। आगरा शहर में 30 हॉट स्पाट हैं। 

ड्रोन से होगी हॉटस्पॉट की निगरानी

पुलिस का पूरा फोकस अब हॉटस्पॉट पर है। इनकी निगरानी के लिए फिर से ड्रोन कैमरे लगाए जाएंगे। स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से कैमरों की तस्वीरें ली जाएंगी। इनसे पता चलेगा कि किस-किस सड़क पर लोग निकल रहे हैं। वहां सख्ती बढ़ाई जाएगी।

यह रहेगी व्यवस्था

1. हॉटस्पॉट में लोगों को जरूरी काम से भी घर से निकलने की अनुमति नहीं।

2. हॉटस्पॉट के बाहर के लोग जरूरी काम होने पर मास्क लगाकर और ट्रैफिक नियमों का पालन कर जा सकते हैं।

3. किसानों को कृषि कार्य (फसल की कटाई, बुआई) की अनुमति जारी रहेगी।

4. दूध और सब्जी की डोर स्टेप डिलीवरी की अनुमति होगी। दूध पैकेटबंद ही मिलेगा।

5. किराने का सामान भी दुकानों से सीधे लाने की अनुमति नहीं, होम डिलीवरी करा सकते हैं।

लखनऊ में भी स्थिति रहेगी यथावत

लखनऊ के लोगों को लॉकडाउन 4.0 में कुछ और राहत की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के लगातार बढ रहे संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने अगले आदेश तक लॉक डाउन यथावथ लागू रखने के निर्देश दिए हैं। राजधानी के लोगों को फिलहाल किसी पहले ही तरह ही लॉक डाउन का पालन करना होगा। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक, राजधानी में जरूरी और आवश्यक सेवाएं जारी हैं इसके अलावा सभी जगहों पर सिंगिल शॉप भी खुल रही हैं। इसी कारण और कोई छुट या राहत नहीं दी जा रही है। सब कुछ पहले ही तरह ही रहेगा। लोगों से भी गुजारिश है कि प्रशासन का सहयोग इसी तरह से करते रहें ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके। लॉकडाउन चार कल से लागू हो रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन चार में रेस्टोरेंट से ऑन लाइन डिलीवरी, होजरी और शापिंग मॉल से पाबंदियां हटायी जा सकती हैं, लेकिन जिस तरह के हालात हैं उसे देखते हुए प्रशासन किसी तरह का खतरा उठाने के मूड में नहीं है। डीएम का कहना है कि स्थिति का लगातार आंकलन किया जा रहा है और उसी के हिसाब से आगे पाबंदियां हटाने पर निर्णय लिया जाएगा।

मेरठ में भी फिलहाल कोई छूट नहीं 

मेरठ में लॉकडाउन-4.0 में छूट नहीं मिलने जा रही है। केंद्र सरकार की गाइड लाइंस के मुताबिक कई तरह की राहत दी गई है, लेकिन उसका लाभ फिलहाल मेरठ को नहीं मिलने जा रहा है। डीएम अनिल ढींगरा ने रविवार रात स्पष्ट किया कि चूंकि मेरठ रेड जोन में है और संक्रमण के मामले थम नहीं रहे हैं, इसलिए यहां सतर्कता ज्यादा जरूरी है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से भी अभी तक कोई गाइड लाइन तय नहीं की गई है लिहाजा मेरठ में यथास्थिति ही रहेगी। वैसे भी सोमवार को मेरठ में पूर्ण लॉकडाउन है और इस दिन दूध, दवा की बिक्री और अखबार के वितरण को छोड़ सभी सेवाएं बंद रहेंगी। बैंक खुलेंगे, लेकिन ग्राहकों के लिए नहीं, बैंक अपना निजी काम करेंगे। पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। यहां सरकारी कार्यालयों के कामकाज में बदलाव को लेकर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। फिलहाल सरकारी कार्यालयों में रोटेशन के तहत कर्मचारी आ रहे हैं, यह कार्यालय आम जनता के लिए नहीं खुल रहे हैं। मेरठ के जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है संपूर्ण लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है, जो लोग अनावश्यक घर से बाहर निकल रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। यहां ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। 

कोविड-19 के लिए लॉकडाउन 4.0 में देशव्यापी दिशानिर्देश

सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर चेहरे को मास्क से ढकना अनिवार्य।

सार्वजनिक स्थानों और परिवहन के दौरान शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा।

शराब, पान, गुटखा, तंबाकू के सार्वजनिक स्थानों पर उपभोग की अनुमति नहीं।

अंतिम संस्कार में शारीरिक दूरी का पालन करना होगा और अधिकतम 20 लोग जा सकेंगे।

दुकानों पर 6 फीट की दूरी रखनी होगी और 5 से अधिक लोग नहीं होने चाहिए।

सार्वजनिक और कार्यस्थल पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय, जो कानून के अनुरूप और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।

शादी समारोह में शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करना होगा और अधिकतम 50 से अधिक मेहमान नहीं हो सकेंगे।

लॉकडाउन के उल्लंघन पर सख्त सजा

लॉकडाउन का पालन करना हर व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है। यदि आप लॉकडाउन का जानबूझकर पालन नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 51 से 60 तक की धाराओं में बताया गया है कि यदि आप लॉकडाउन का उल्लंघन करते हैं तो क्या हो सकता है।

धारा 51- बाधा पहुंचाने के लिए सजा इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार या राज्य सरकार अथवा संबंधित प्राधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले या केंद्र, राज्य या अन्य संबंधित प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्याें में बांधा डालने की कोशिश करने वाले लोगों को एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

धारा 52- झूठे दावे के लिए यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह का लाभ प्राप्त करने के लिए झूठा दावा करता है तो उसे अधिकतम दो साल की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

धारा 53- धन या सामग्री का गबन यदि कोई व्यक्ति आपदा के लिए आए धन अथवा किसी सामग्री का गबन करता है तो अधिकतम दो साल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 54- झूठी चेतावनी देना यदि कोई व्यक्ति आपदा से जुड़ी किसी असत्य चेतावनी को फैलाता है तो उसे एक साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

धारा 55- सरकारी विभाग द्वारा अपराध यदि किसी सरकारी विभाग द्वारा अपराध होता है तो उस विभाग के प्रमुख को दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी यदि वो यह साबित नहीं कर देता कि यह अपराध उसकी जानकारी के बिना हुआ है और इसमें उसका कोई योगदान नहीं है।

धारा 56- ड्यूटी निभाने में विफल या अधिनियम के उल्लंघन पर मिलीभगत करने पर यदि किसी अधिकारी द्वारा अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभा पाता या फिर खुद को इससे अलग कर लेता है तो उसे एक साल की सजा या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 57- आवश्यकता संबंधी आदेशों का उल्लंघन करने पर यदि कोई व्यक्ति धारा-65 के तहत दिए गए आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे अधिकतम एक साल की जेल अथवा जुर्माने की सजा हो सकती है।

धारा 58- कंपनी द्वारा अपराध यदि किसी कंपनी द्वारा अपराध होता है तो कंपनी, प्रत्येक सदस्य जिसने अपराध किया है और जिसके पास उस वक्त जिम्मेदारी थी, इसके लिए जिम्मेदार समझे जाएंगे। साथ ही उन पर मामला चलाया जाएगा।

धारा 59- अभियोजन के लिए पिछली मंजूरी इस अधिनियम की धारा 55 और 56 के तहत अपराधों के लिए अभियोजन प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना नहीं लगाया जाएगा।

धारा 60- अपराधों का संज्ञान कोई भी कोर्ट इस अधिनियम के तहत की गई शिकायत के अलावा किसी अपराध का संज्ञान नहीं लेगी। हालांकि यह कुछ बातों पर निर्भर करता है।

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