Lockdown 3 : राहत के कदमों में रहेंगी शर्तों की सख्त बेड़ियां, हर जिले में तैनात होंगे इंसीडेंट कमांडर
Lockdown 3 अब उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थल पर थूकना भी अपराध माना जाएगा। लॉकडाउन के तीसरे चरण के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
लखनऊ, जेएनएन। Lockdown 3 : आमजन की परेशानी को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लॉकडाउन-3 में तमाम सहूलियतों का रास्ता खोल दिया है। चूंकि, कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए राहत के इन कदमों में शर्तों की भी सख्त बेड़ियां डाल दी गई हैं। अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि अब उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थल पर थूकना भी अपराध माना जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कराने के लिए हर जिले में जिलाधिकारी द्वारा इंसीडेंट कमांडर की भी तैनाती की जाएगी। लॉकडाउन के तीसरे चरण के लिए जारी गाइडलाइन के साथ ही मुख्य सचिव आरके तिवारी ने आदेश जारी किए हैं कि सभी जिलाधिकारी राष्ट्रीय निर्देशों का पालन कराएंगे। रोकथाम के उपायों को लागू करने के लिए इंसीडेंट कमांडर की तैनाती करेंगे।
इंसीडेंट कमांडर अपने क्षेत्राधिकार में उपायों को लागू कराने के उत्तरदायी होंगे। सभी लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारी इंसीडेंट कमांडर के दिशा-निर्देशन में काम करेंगे। आने-जाने संबंधी या अन्य जरूरी पास भी यही कमांडर जारी करेंगे। आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सार्वजनिक स्थल पर रखें ख्याल
कार्यस्थल के शर्तें फेसकवर-मास्क अनिवार्य, इनका पर्याप्त स्टॉक होना चाहिए। दो शिफ्ट के बीच करीब एक घंटे का अंतर रखना होगा। भोजनावकाश में भी न जुटे भीड़। प्रवेश-निकासी और कॉमन प्लेस पर थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश, सैनिटाइजर की व्यवस्था हो। सभी कार्मिकों के लिए आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल अनिवार्य। बैठकों पर प्रतिबंध रहेगा। कर्मियों-श्रमिकों के लिए चिकित्सा बीमा अनिवार्य होगा।
इन्हें रहेगी राहत
ऐसे निर्धारित होंगे कंटेनमेंट जोन
क्या है कंटेनमेंट एरिया
वैसे तो केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए कंटेनमेंट एरिया तय करने का अधिकार स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दिया है, लेकिन वह शहरी इलाके में किसी बिल्डिंग से छोटा और पूरे शहर से बड़ा नहीं हो सकता है। सुविधानुसार प्रशासन किसी मोहल्ले, थाना या निगम के एरिया को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर सकता है। इसी तरह ग्रामीण इलाके में यह कम-से-कम पूरा गांव और अधिक-से-अधिक एक ब्लॉक तक हो सकता है। कंटेनमेंट एरिया में रहने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप का मोबाइल में डाउनलोड करना होगा, ताकि कोरोना के फैलने की आशंकाओं पर कड़ी नजर रखी जा सके।