जन सेवा केंद्रों से बने आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र के लिए लेखपाल पाएंगे पांच रुपये

जन सेवा केंद्रों पर ई-डिलिवरी के जरिये आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र के प्रत्येक आवेदन के लिए वसूले जाने वाले यूजर चार्जेज में से पांच रुपये लेखपालों को दिये जाएंगे।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 06 Feb 2019 01:15 PM (IST) Updated:Wed, 06 Feb 2019 01:29 PM (IST)
जन सेवा केंद्रों से बने आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र के लिए लेखपाल पाएंगे पांच रुपये
जन सेवा केंद्रों से बने आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र के लिए लेखपाल पाएंगे पांच रुपये

लखनऊ, जेएनएन। जन सेवा केंद्रों पर ई-डिलिवरी के जरिये आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र के प्रत्येक आवेदन के लिए वसूले जाने वाले यूजर चार्जेज में से पांच रुपये लेखपालों को दिये जाएंगे। अपनी लंबित मांगें न माने जाने से नाराज लेखपालों द्वारा आंदोलन और चुनावी कार्य के बहिष्कार की चेतावनी देने के बाद शासन ने यह कदम उठाया है। लेखपालों की इस लंबित मांग को मानते हुए आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने मंगलवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। इसी प्रकार ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर उपलब्ध अन्य विभागीय सेवाओं/आवेदनों से प्राप्त यूज चार्जेज के अंश में से आवश्यकतानुसार पांच रुपये की राशि संबंधित विभाग के कार्मिकों को दी जाएगी। 

यूजर चार्ज के तौर पर लिये जाते 20 रुपये 

आय, जाति और निवास प्रमाणपत्रों के लिए जनसेवा केंद्रों पर प्राप्त होने वाले प्रत्येक आवेदन के लिए यूजर चार्ज के तौर पर 20 रुपये लिये जाते हैं। लेखपालों का कहना था कि इन प्रमाणपत्रों को जारी करने के लिए आवेदन के साथ संलग्न किये गए दस्तावेजों का प्रिंटआउट लेने के लिए उन्हें अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लिहाजा यूजर चार्जेज में से उन्हें पांच रुपये इस खर्च से निपटने के लिए दिये जाएं। मुख्य सचिव के साथ पिछले साल हुई बैठक में इस बारे में सहमति बनी थी लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया था। लेखपालों व अन्य कार्मिकों को यह धनराशि जिला स्तरीय डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस सोसाइटी (डीईजीएस) के माध्यम से मुहैया करायी जाएगी। उप्र लेखपाल संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि लेखपालों को डीईजीएस की बजाय यह धनराशि सीधे जनसेवा केंद्रों से ही मिलनी चाहिए थी। उनका कहना है कि डीईजीएस के माध्यम से यह धनराशि मिलने में देर होगी। 

लेखपालों को लैपटॉप मिलने का रास्ता साफ

प्रदेश के तकरीबन 30 हजार लेखपालों को उनके कामकाज के लिए सरकार की ओर से लैपटॉप मुहैया कराने का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने लेखपालों को दिये जाने वाले लैपटॉप के लिए राजस्व परिषद की ओर से ई-टेंडर के जरिये स्वीकृत की गई निविदा को मंजूरी दे दी है। टेंडर में सबसे कम रेट कोट करने के लिए मेसर्स एसर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की निविदा मंजूर की गई है। साथ ही कंपनी द्वारा कोट किये गए रेट के आधार पर लैपटॉप की आपूर्ति के लिए वांछित धनराशि 51.7 करोड़ रुपये के खर्च की स्वीकृति दे दी है। राजस्व विभाग ने मंगलवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। राज्यपाल अरसे से लैपटॉप और स्मार्टफोन दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उन्हें स्मार्टफोन देने का टेंडर शासन की ओर से पहले ही मंजूर किया जा चुका है। 

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