मुलायम सिंह की समधन के रूम से गहने नहीं मिलीं प्लॉटों की फाइलें, चार महीने से सील था कमरा

अम्बी बिष्ट का पिछले करीब चार महीने से एलडीए में सील कमरा खोला गया। कमरे के अंदर से निकली प्लॉटों की मूल फाइलें।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Jul 2018 11:59 AM (IST) Updated:Thu, 05 Jul 2018 08:33 PM (IST)
मुलायम सिंह की समधन के रूम से गहने नहीं मिलीं प्लॉटों की फाइलें, चार महीने से सील था कमरा
मुलायम सिंह की समधन के रूम से गहने नहीं मिलीं प्लॉटों की फाइलें, चार महीने से सील था कमरा

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की समधन और नगर निगम में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अम्बी बिष्ट का पिछले करीब चार महीने से एलडीए में सील कमरा मंगलवार को खोला गया। ये कमरा अम्बी बिष्ट को एलडीए में बतौर उप सचिव आवंटित था। जब से उनको एलडीए से नगर निगम सेवा में वापस भेजा गया तब से ये कमरा बंद था। अम्बी बिष्ट ने डीएम से शिकायत कर के कमरा खोलने की गुहार लगाई थी। उनकी शिकायत थी कि कमरे में मूल्यवान वस्तुएं और सोने के गहने हैं। मगर जब कमरे को मजिस्ट्रेट और एलडीए अधिकारियों की मौजूदगी में खोला गया तो अंदर से प्लॉटों की मूल फाइलें मिलीं। एलडीए की अधिकृत दस्तावेज के अलावा अम्बी बिष्ट की व्यक्तिगत वस्तुएं मिलीं। जिनमें एक डायरी, एक जोड़ी चप्पल, शादी के कुछ कार्ड, उनके बेटे के नाम से दर्ज एक फ्लैट की बुकलेट और कुछ कागज थे। बिष्ट की ओर अधिकृत वकील सौरभ यादव ने व्यक्तिगत वस्तुओं को अपने पास रख लिया और दावा किया कि कमरे में सोने के कुछ गहने थे। जबकि एलडीए अधिकारियों का कहना है कि कमरे में जो कुछ भी था, वह सबके सामने आ चुका है। अब जिन भूखंड की मूल फाइलें मिली हैं, उनकी जाच करवाई जाएगी।

एक से अधिक भूखंड के आवंटन को लेकर अम्बी बिष्ट आरोपों में घिरी थीं। इनमें से एक भूखंड का आवंटन निरस्त भी कर दिया गया था, जिसके बाद उनको एलडीए से हटा कर उनके मूल विभाग नगर निगम में भेजा गया था। अब वह लखनऊ नगर निगम में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के पद पर तैनात हैं। जिस दिन उनको प्राधिकरण से हटाया गया था, उसी दिन से उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के आदेश पर उनका कमरा सीज कर दिया गया था। यही नहीं कैंप आफिस को भी बंद कर के सभी कर्मचारी अन्य अनुभागों से संबद्ध कर दिए गए थे। अम्बी बिष्ट ने डीएम कौशलराज शर्मा से शिकायत कर के मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरा खुलवा कर उनका बहुमूल्य सामान निकलवाने की गुहार लगाई थी। जिसकी वीडियोग्राफी भी दोनों पक्षों ने करवाना तय किया गया था।

एसीएम-4 अमित कुमार, एलडीए के नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र की मौजूदगी में मंगलवार दोपहर में कमरा खोला। अम्बी बिष्ट की ओर से उनके अधिवक्ता सौरभ यादव मौजूद रहे। कमरे में उपसचिव की मेल की दराज से कुछ फाइलें और एलडीए के कागज मिले। कमरे से लगे केबिन में भी कई मूल पत्रवलिया बरामद की गईं। इसके बाद में लोहे की एक अलमारी की चाभी नहीं मिली तो उसको हथौड़ी से तोड़ा गया। इसके अंदर से कई मूल पत्रवलिया मिलीं। एक जोड़ी लेडीज चप्पल और विवाह समारोह के 18 कार्ड भी मिले। करीब एक घटे तक कमरे को खाली किया गया। दोनों पक्षों ने अपने अपने सामान रख लिये। सामानों की सूची बनाई गई।

गोमती नगर योजना की फाइलों के मिलने से उठे सवाल: गोमती नगर का काम लंबे समय से अम्बी बिष्ट के पास नहीं था तो इस कॉलोनी की अनेक मूल फाइलें उनके कमरे में क्यों थी, ये बड़ा सवाल है। जिसको लेकर एलडीए के अधिकारी जाच करवाएंगे। क्या कहते हैं अधिकारी ?

लविप्रा नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र का कहना है कि जितना भी सामान एलडीए से जुड़ा हुआ है, उसका रिकार्ड तैयार किया जाएगा। उसके बाद में सारे रिकार्ड लेकर उन मूल पत्रवलियों के संबंध में जाच होगी, जो कि महीनों से कमरे में बंद थीं। कमरे में कोई भी बहुमूल्य गहने आदि प्राप्त नहीं हुए हैं। सारी जाच की वीडियो रिकार्डिग करवाई गई है।

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