ग्रीन कारिडोर बनाने के लिए वित्तीय प्रबंधन में जुटा एलडीए, 865 करोड़ रुपये आएगा खर्च
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को दिए गए निर्देश के बाद ग्रीन कारिडोर परियोजना को गति देने का काम लविप्रा ने मंगलवार से तेज कर दिया है। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने ग्रीन कारिडोर को लेकर बैठक की और सरकारी गैर सरकारी जमीनों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को दिए गए निर्देश के बाद ग्रीन कारिडोर परियोजना को गति देने का काम लविप्रा ने मंगलवार से तेज कर दिया है। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने ग्रीन कारिडोर को लेकर बैठक की और सरकारी, गैर सरकारी जमीनों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। 21 किमी. ग्रीन कारिडोर परियोजना पर आने वाले 865 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आ रहा है। इसलिए किसानों की जमीनों को अर्जित करके विकसित किया जाएगा। परियोजना लागत निकालने के लिए अर्जित जमीन का किस तरह से बेहतर उपयोग किया जाए, इसको लेकर विशेषज्ञों से राय ली जाएगी।
सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत भी ग्रीन कारिडोर परियोजना बनाए जाने की संभावना तलाशी जाएगी। इस संबंध में प्राधिकरण जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगा। बता दें सोमवार देर शाम ग्रीन कारिडोर परियोजना का सीएम के समक्ष प्रजेंटेशन हुआ था। अभी तक लविप्रा को जमीन का अर्जन करने, बंधा बनाने का काम सिंचाई विभाग और सड़क व एलीवेटेड सेक्शन का काम सिंचाई विभाग को करना था। अब यह सारा काम लविप्रा करेगा। बंधे के किनारे आने वाली सरकारी जमीनों को लविप्रा को दिया जाएगा, जिससे उन जमीनों का प्रयोग बेहतर तरीके से करके लविप्रा ग्रीन कारिडोर परियोजना बनाने के लिए राजस्व जुटा सके।
ग्रीन कारिडोर परियोजना का निर्माण शहीद पथ से आइआइएम रोड तक होना है। यह काम तीन फेज में किया जा रहा है। पहला फेज का डीपीआर तैयार है, इसे आइआइएम रोड से लाल ब्रिज तक होना है। दूसरा फेज शहीद पथ से पिपराघाट और तीसरा फेज लाल ब्रिज से पिपराघाट तक होना है। इस ग्रीन कारिडोर के बनने से करीब 21 किमी का सफर सिर्फ बीस मिनट का रह जाएगा।