दिल दुरुस्त रखना है तो टहलिए, शारीरिक ही नहीं मानसिक हेल्थ भी सुधरेगी

जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित हुआ शोध। हृदय रोगों की रोकथाम में दवा नहीं है कारगर।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 04 Dec 2018 11:27 AM (IST) Updated:Thu, 06 Dec 2018 08:57 AM (IST)
दिल दुरुस्त रखना है तो टहलिए, शारीरिक ही नहीं मानसिक हेल्थ भी सुधरेगी
दिल दुरुस्त रखना है तो टहलिए, शारीरिक ही नहीं मानसिक हेल्थ भी सुधरेगी

लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। दिल दुरुस्त रखना है तो आप रोजाना वॉक करिए (टहलिए)। वॉक के साथ-साथ व्यायाम ही आपके दिल को सेहतमंद रख सकता है। यह कोई नई बात नहीं है। लेकिन महत्वपूर्ण इसलिए हो गई है क्योंकि जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की गाइड लाइंस में इस बात को नकार दिया गया है कि हृदय रोगों से बचाव में एस्प्रिन या अन्य दवाएं कारगर होती हैं। जर्नल के अनुसार हृदय रोगों से ग्रस्त मरीजों में तो एस्प्रिन कारगर होती है लेकिन रोग से बचाव में इसकी कोई भूमिका नहीं होती।

दरअसल, हार्ट डिजीज की आशंका होने पर प्रीवेंशन के तौर पर चिकित्सक एस्प्रिन का प्रयोग करते थे। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरके सरन बताते हैं कि हार्ट डिजीज के लिए मुख्य रूप से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व मोटापे को जिम्मेदार माना गया है। डायबिटीज व ब्लड प्रेशर को खानपान से नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि मोटापा कम करने के लिए शारीरिक व्यायाम ही एकमात्र उपाय है। ऐसा कहा भी जाता था लेकिन बीते सप्ताह आई अमेरिकन गाइड लाइंस ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। यही नहीं, शोध के अनुसार इससे गैस्ट्रिक ब्लीडिंग की भी संभावना रहती है जो नुकसानदेह साबित हो सकती है।

आधे से एक घटें टहलें 

डॉ. सरन कहते हैं कि रोजाना आधे से एक घंटे वॉक करना चाहिए। यदि व्यस्तता के चलते समय नहीं दे पा रहे हों तो दस-दस मिनट के लिए तीन-चार बार टहल लें। आप टहलें, ब्रिस्क वॉक करें, या रनिंग करें यह अपनी आयु व अवस्था के अनुसार तय कर सकते हैं। सप्ताह में दो दिन तनाव दूर करने के लिए एक्सरसाइज या योग भी दिल के लिए अच्छा है। जो लोग टलने से बचते हैं वे घर में ही ट्रेड मिल या स्टेटिक साइकिल पर चल सकते हैं या जिम जा सकते हैं। 

शारीरिक ही नहीं मानसिक हेल्थ भी सुधरती है

टहलने के साथ व्यायाम से केवल शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत में भी सुधार आता है। हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक की संभावना कम होती है और हड्डियां मजबूत होती हैं। डिप्रेशन, डिमेंशिया जैसे रोगों की संभावना नहीं रहती। 

टहलने से बढ़ेगी उम 20 मिनट की वॉक से चार साल 40 मिनट की वॉक से छह साल 60 मिनट की वॉक से सात साल आयु बढऩे की संभावना होती है। 

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