MahaShivratri 2020: इंद्र देव ने किया शिव का जलाभिषेक, सर्द हुआ मौसम
महाशिवरात्रि आज पूरे प्रदेश भर में मनाया जा रहा है। इसी बीज हुई बारिश ने मौसम को एक बार फिर सर्द बना दिया।
लखनऊ, जेएनएन। देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने जहां महाशिवरात्रि पर प्रदेश भर के मंदिरों पर भक्तों का ताता उमड़ा। वहीं, आकाश से इंद्र देव ने भी बारिश की बूंदों के साथ शिव का जलाभिषेक किया। राजधानी लखनऊ में गुरुवार शाम से शुरू हुई रिमझिम बारिश शुक्रवार को भी जारी रही। फरवरी में गर्म हुए मौसम को बारिश की बूंदों ने सर्द हवाओं में बदल दिया। उधर, रायबरेली में सुबह से ही बिजली की गड़गड़ाहट के साथ बूंदाबांदी शुरू हुई। लगातार मौसम खराब होने के चलते शहर में शिवरात्रि के उपलक्ष में होने वाले बड़े आयोजन पर भी असर पड़ रहा है।
यहां भी बदला मौसम, तेज बारिश गोंडा: मौसम का मिजाज एकाएक बदल गया है। सुबह से ही शुरू हुई बूंदाबांदी शाम तक जारी रही। बारिश के कारण खेती पर असर पड़ रहा है। बहराइच: तराई में मौसम का मिजाज बदला नजर आया। करीब 15 मिमी बारिश हुई। गरज-चमक के साथ 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवाएं चल रही हैं। तराई में सक्रिय पूर्वी विक्षोभ के साथ पारा लुढ़का है। बलरामपुर : अचानक मौसम बदलने से ठंड फिर लौट आई है। शुक्रवार भोर से ही आसमान में बादल छाए रहे। रूक-रूक शुरू हुई बारिश ने गेहूं की फसल के लिए फायदे के अवसर प्रदान किए। खेतों में नमी हो जाने से किसानों को सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। दूसरी तरफ, किसानों को ओलावृष्टि की आशंका भी सता रही है। यदि ओला गिरेगा तो सरसों, मशूर व अरहर की फसल प्रभावित होगी। लखीमपुर: जिले में गुरुवार आधी रात से हुई बरसात और ठंडी हवाओं ने एक बार फिर ठंड का एहसास करा दिया। शुक्रवार की अलसुबह फिर बारिश हुई और बर्फीली हवाओं ने एक बार फिर से तेजी पकड़ ली। पूरा दिन शीतलहरी चलती रही। अंबेडकरनगर: गुरुवार की शाम से ही मौसम ने करवट बदली और शुक्रवार की सुबह काली घटाएं छाई रही। बूंदाबांदी और हल्की बारिश के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज हुई। सर्द हवाओं के चलने से जनजीवन और जीव-जंतु ठिठुरन महसूस करने लगे। जिले का तापमान अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अमेठी : महाशिवरात्रि के दिन बारिश के साथ आई तेज हवाओं ने एक बार फिर सर्दी का एहसास कराया। शुक्रवार को पूरे दिन रुक-रुक कर तीन बार बारिश हुई। पूरे दिन आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही। एक दो बार सूरज की चमक दिखी पर बादलों के आगे वह अधिक समय तक टिक नहीं पाई। बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिले हुए दिखे। वहीं बेमौसम हुई बारिश ने स्वच्छता अभियान की पोल ही खोल दी।