रणजीत हत्‍याकांड : दूसरी पत्नी से मिलने का पहली ने किया था विरोध, हत्या के पीछे गोरखपुर कनेक्शन भी खंगाल रही पुलिस

लखनऊ के पॉश इलाके में दिनदहाड़े हुई हिंदू वादी नेता रणजीत बच्‍चन की हत्‍या। पत्‍नी और मुंहबोले मौसेरे भाई के साथ मार्निंग वॉक पर निकले थे।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Mon, 03 Feb 2020 10:10 AM (IST) Updated:Mon, 03 Feb 2020 01:48 PM (IST)
रणजीत हत्‍याकांड : दूसरी पत्नी से मिलने का पहली ने किया था विरोध, हत्या के पीछे गोरखपुर कनेक्शन भी खंगाल रही पुलिस
रणजीत हत्‍याकांड : दूसरी पत्नी से मिलने का पहली ने किया था विरोध, हत्या के पीछे गोरखपुर कनेक्शन भी खंगाल रही पुलिस

लखनऊ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते दिन हुई हिंदूवादी नेता रणजीत हत्‍या के मामले में पुलिस ने एक और खुलासा किया है। हत्यारे ने रणजीत की हत्या से पहले न केवल रेकी की, बल्कि पुलिस को गुमराह करने का पूरा प्रयास भी किया। हत्या से पहले बदमाश ने रणजीत और आदित्य का फोन छीन लिया था। पुलिस ने लास्ट लोकेशन की पड़ताल की तो दोनों मोबाइल फोन बैकुंठ धाम के पास पड़े मिले। दोनों फोन बंद थे। अब पुलिस इस नतीजे पर आई है कि हमलावर ने जांच की दिशा भटकाने के लिए मोबाइल लूटे थे और बाद में उसे फेंक दिया था।

बता दें, रणजीत बच्‍चन रविवार सुबह पत्‍नी कालिंदी और मुंहबोले मौसेरे भाई आदित्य के साथ मार्निंग वॉक पर निकले थे। हमलावर अकेले बाइक से आया था। परिवर्तन चौराहे से थोड़ी दूर ग्लोब पार्क के पास बदमाश ने रणजीत को रोक लिया। हमलावर ने असलहा तानकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सिर में गोली लगने से रणजीत की मौत हो गई, जबकि एक गोली उसके भाई के हाथ में जाकर धंसी। रणजीत ने विश्व हिंदू महासभा के नाम से एक संगठन बनाया था और वह उसके अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

हत्या के पीछे गोरखपुर कनेक्शन

पुलिस सूत्रों के मुताबिक हत्या के पीछे गोरखपुर कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं। रणजीत ने कुछ लोगों का काम कराने का बयाना लिया था। पुलिस को रणजीत के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से भी कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिसके जरिए संदिग्ध की सूची तैयार की जा रही है। बरामद सीसी फुटेज जांच एजेंसियों और दूसरे जिलों में भेजी गई है, ताकि संदिग्ध की पहचान हो सके। पुलिस संदेह के आधार पर कुछ संभावित स्थानों पर दबिश भी दे रही है।

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पहली को बिना भनक लगे 2015 में की थी दूसरी शादी 

रणजीत ने पहली पत्नी कालिंदी को बताए बिना विकासनगर सेक्टर दो निवासी स्मृति से फरवरी 2015 में दूसरी शादी की थी। उसी साल वह स्मृति को लेकर गोरखपुर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस बात की जानकारी कालिंदी को हो गई थी, जिसके बाद दो शादियों का राज सामने आया था। इस दौरान कालिंदी की बहन ने रणजीत के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई थी। उधर, स्मृति ने हकीकत जानने के बाद रणजीत से रिश्ता तोड़ लिया था।

 

दूसरी पत्नी से मिलने का पहली ने किया था विरोध

रणजीत की पहली पत्नी कालिंदी उनके साथ रहती थीं। वह समाजसेवा करती हैं। दूसरी पत्नी स्मृति अलग रहती थीं। दो दिन पूर्व रणजीत स्मृति से मिलने गोरखपुर गये थे, जिसके बाद कालिंदी से उनका मनमुटाव हो गया था। कालिंदी लगातार स्मृति से मिलने का विरोध करती थीं।

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कालिंदी ने साथ की थी साइकिल यात्रा

सपा के साथ जुड़े रहने के दौरान वर्ष 2012 में रणजीत ने भारत, भूटान और नेपाल में साइकिल यात्रा की थी। उनके साथ कालिंदी भी साइकिल यात्रा में शामिल रहीं थीं। 

आवास में पसरा सन्नाटा

रणजीत को ओसीआर स्थित अपने आवास से बहुत लगाव था। उनके आवास में हर समय चहल-पहल रहती थी। घटना के बाद से यहां मातम पसरा है। रणजीत का कुत्ता बार-बार अंदर बाहर आ जा रहा था। पत्नी, बेटी समेत अन्य सभी परिवारजन रो-रोकर बेहाल चुके हैं। ओसीआर बिल्डिंग परिसर में घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व हिंदू महासभा की नेम प्लेट लगी उनकी कार खड़ी नजर आई। पोस्टमॉर्टम के बाद जब रणजीत का शव ओसीआर बिल्डिंग परिसर में लाया गया तो दोनों पत्नियां मौजूद थीं। दोनों ने एक दूसरे पर कई आरोप भी लगाये।

 महापौर ने बंधाया ढांढस

महापौर संयुक्ता भाटिया ने रणजीत के परिवारजन से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्‍यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ी कालिंदी को उनकी मांगें पूरी करने का भरोसा दिया, परिवारजन शव के अंतिम संस्कार को राजी हुए। 

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नौकरी, मुआवजा और गनर की मांग

रणजीत की पत्नी कालिंदी ने सरकारी नौकरी, 50 लाख रुपये मुआवजे के साथ गनर की मांग की है। रणजीत के करीबी डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि उन्होंने कई बार शस्त्र लाइसेंस के लिये कहा, लेकिन रणजीत ने आवेदन तक नहीं किया। अगर उनके पास लाइसेंसी हथियार होता तो वह अपना बचाव कर सकते थे। 

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