जिंदगी की 'कड़वाहट' में खोज ली 'मिठास'

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में गुड़ बना रहे कैदी, 16 को स्थापना दिवस कर्मचारियों के साथ कैदियों का भी होगा सम्मान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Feb 2018 09:27 AM (IST) Updated:Tue, 13 Feb 2018 09:27 AM (IST)
जिंदगी की 'कड़वाहट' में खोज ली 'मिठास'
जिंदगी की 'कड़वाहट' में खोज ली 'मिठास'

लखनऊ (जितेंद्र उपाध्याय)। उन्नाव के रहने वाले अशर्फी लाल को कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा सुना दी। जिला जेल से उत्कृष्ट चाल चलन और व्यवहार से उन्हें राजधानी के आदर्श कारागार में भेज दिया गया। वर्ष 2005 से अब वह भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में गुड़ बनाने वाली इकाई में काम करते हैं। जिंदगी की 'कड़वाहट' में 'मिठास' बांटने का उनका कार्य अनवरत जारी है। उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर संस्थान की ओर से स्थापना दिवस पर उन्हें सम्मानित किया जाएगा। उनके साथ कन्हैया लाल भी जेल में आजीवन कारावास की सजा काटते हैं और यहां गुड़ बनाने का कार्य भी करते हैं। आदर्श कारागार में सजायाफ्ता ऐसे 105 कैदी रायबरेली रोड स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में काम करके गन्ने के विकास के साथ किसानों की पैदावार बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। जिला जेल गोसाईगंज के पास स्थापित आदर्श कारागार अपनी तरह की इकलौती जेल है जहां प्रदेशभर के सजायाफ्ता कैदी रखे जाते हैं। जिनका चालचलन सबसे अच्छा होता है, वह कैदी आनंद नगर में अपनी दुकान भी चलाते हैं और कमाई जेल प्रशासन के माध्यम से अपने घर वालों को भी भेजते हैं।

हर दिन बनता एक क्विंटल गुड़

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के गुड़ इकाई के प्रभारी और वरिष्ठ सुनील कुमार मिश्रा ने बताया कि 10 क्विंटल गन्ने से हर दिन एक क्विंटल गुड़ का निर्माण होता है। आधुनिक मशीनों से रसायनमुक्त गुड़ का निर्माण होता है। कैदियों के साथ ही पूर्व कर्मचारी नजीर अहमद भी गुड़ बनाने में योगदान करते हैं।

कृषि मंत्री करेंगे सम्मान

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रवक्ता डॉ.एके साह ने बताया कि 16 फरवरी को संस्थान का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही मुख्य अतिथि होंगे। 100 से अधिक किसानों के साथ ही वैज्ञानिकों की ओर से गोष्ठी का आयोजन होगा। कृषि मंत्री की मौजूदगी में कर्मचारियों के साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले कैदियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

अपन महानिरीक्षक कारागार वीके जैन ने बताया कि राजधानी की आदर्श जेल में प्रदेशभर के सजायाफ्ता कैदी ही रखे जाते हैं। चालचलन अच्छा होने पर ही उन्हें जिला जेलों से यहां भेजा जाता है। जेल के साथ ही वह जेल के बाहर काम करते हैं। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के साथ ही कई कैदी जेल के बाहर अपना स्वयं का कारोबार भी कर रहे हैं।

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