यूपी का बायो विलेज...यहां जैविक विधि से उत्पादित होती हैं सब्जियां, लागत कम-लाभ हो रहा ज्‍यादा

Sultanpur News सुलतानपुर में बायो विलेज के रूप में विकसित दूबेपुर के डिहवा गांव के किसानों ने अपनी एक अलग छवि बनाई है। एक समय में कीटनाशकों और रसायनिक खाद के प्रयोग से आर्थिक संकट में आए क‍िसानों की मेहनत अब रंग ला रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 25 Jun 2022 04:35 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jun 2022 11:03 PM (IST)
यूपी का बायो विलेज...यहां जैविक विधि से उत्पादित होती हैं सब्जियां, लागत कम-लाभ हो रहा ज्‍यादा
Sultanpur News: लागत हुई बेहद कम, सब्जी का बेहतर उत्पादन कर नजीर बने सुलतानपुर के किसान।

सुलतानपुर, [गोपाल पांडेय]। कीटनाशकों और रसायनिक खाद के अति प्रयोग से किसानों पर आर्थिक संकट आ जाता है। इनका त्याग कर दूबेपुर के डिहवा गांव के अन्नदाताओं ने अलग छवि बनाई। बायो विलेज के रूप में विकसित इस गांव में सब्जी से लेकर खाद्यान्न तक का उत्पादन जैविक विधि हो रहा है। खेती की लागत बेहद कम हो गई है। करीब दो सौ किसान खुशहाल हैं। दूबेपुर विकासखंड में डिहवा गांव है। आबादी करीब 1700 है। यहां के अधिकतर किसान सब्जी उत्पादक हैं। पास ही स्थित अमहट मंडी में सब्जियों की बिक्री आसानी से हो जाती है। दाम भी अच्छा मिल जाता है।

नए प्रयोग से बढ़ा मुनाफा : सब्जी उत्पादन में कीटनाशकों और रसायनिक खाद का अंधाधुंध प्रयोग करने से एक हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन पर 20 से 30 हजार का व्यय होता था। जैविक विधि अपनाने से यह लागत पांच हजार तक सिमट गई है। कृषक घनश्याम वर्मा ने बताया कि लाइट ट्रैप (कीट प्रबंधन के लिए एक उपकरण) कीट पतंगों और जानवरों से फसल की रक्षा कर रहा है। इसका प्रकाश इतना तेज होता है कि मवेशी व जंगली जानवर भी खेत के नजदीक नहीं आते।

किसान राहुल ने बताया फेरोमोन (गंध पाश) ट्रैप को खेतों में लगाकर कीट पतंगों से फसल को बचा रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि पूर्व में जिला कृषि अधिकारी रहे विनय वर्मा ने इस विधि से खेती के लिए प्रेरित किया। अब बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। दो मीट्रिक टन भिड़ी, बैंगन, करेला, कद्दू व लौकी की बिक्री रोजाना हो रही है।

यह हैं तात्कालिक फायदे : इस विधि से पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण की सुरक्षा होती है। मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में कमी आती है। कीटों की प्रतिरोधक एवं प्रजनन-क्षमता कम होती है। लाभदायक कीटों एवं मित्र कीटों को सुरक्षा मिलती है। विष रहित खाद्यान्न की उपज होती है। उत्पादन लागत में कमी आती है।

डीएम को द‍िया जाएगा प्रस्‍ताव : उप निदेशक कृषि सदानंद चौधरी ने बताया क‍ि बायो विलेज डिहवा में जैविक विधि से फसल व सब्जी उत्पादन तथा कीट नियंत्रण के परिणाम बेहतर हैं। पर्यावरण तो शुद्ध हो ही रहा है, साथ में खेती की लागत कम करने की सरकारी मंशा भी सफल हो रही है। प्रयास किया जा रहा है कि इस विधि के उत्पादों के लिए मुख्य मंडी में अलग से पटल स्थापित किया जाए। जिलाधिकारी को इसके लिए किसान दिवस में प्रस्ताव दिया जाएगा।   

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