उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज से मिल सकती है राहत, प्रथमिकता में व्यापारी

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने लॉकडाउन के चलते राज्य को 343.20 करोड़ रुपये की विशेष छूट दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 14 Jun 2020 12:15 AM (IST) Updated:Sun, 14 Jun 2020 07:32 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज से मिल सकती है राहत, प्रथमिकता में व्यापारी
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज से मिल सकती है राहत, प्रथमिकता में व्यापारी

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज से कुछ राहत मिल सकती है। लॉकडाउन के दरमियान दुकानें नहीं खुलने से व्यापारियों को खासतौर से पहले राहत दी जा सकती है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने लॉकडाउन के चलते राज्य को 343.20 करोड़ रुपये की विशेष छूट दी है। इस संबंध में मंत्रालय ने प्रमुख सचिव ऊर्जा और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के सीएमडी को पत्र लिखा है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी, एनएचपीसी, टीएचडीसी सहित अन्य बिजली उत्पादन इकाइयों तथा पावर ग्रिड के जरिए राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों को फिक्स्ड चार्ज और ट्रांसमिशन चार्ज में विशेष छूट दी है। उत्तर प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों के हिस्से में विशेष छूट का 343.20 करोड़ रुपये आया है। अकेले एनटीपीसी ने ही अपने चार्ज में 1363 करोड़ रुपये की छूट दी है, जिसमें से राज्य के हिस्से में 148.80 करोड़, एनएचपीसी से 34 करोड़, पीजीसीआइएल से 134.26 करोड़, टीएचडीसी से 15.84 करोड़ तथा एसजेवीएनएल से 10.30 करोड़ रुपये पावर कारपोरेशन को मिलेंगे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने विशेष छूट का लाभ लॉकडाउन की अवधि में विद्युत उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए भी कहा है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार जल्द ही पावर कारपोरेशन के माध्यम से विद्युत उपभोक्ताओं को इस छूट का लाभ फिक्स चार्ज में कुछ हद तक कटौती करके दे सकती है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय के फैसले के बाद लॉकडाउन अवधि में जिन कारोबारियों के दुकान व उद्योग बंद थे, साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को बिजली दर में जल्द से जल्द छूट दी जाए। परिषद अध्यक्ष ने बिजली कंपनियां से मांग की है कि सबसे पहले इसका लाभ उन दुकानदारों व उद्यमियों को दिया जाए, जिनके प्रतिष्ठान व उद्योग लॉकडाउन की अवधि में बंद रहे और उनको बड़ा नुकसान हुआ है।

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