एमएसएमई चाह रही बंद नोटों से मजदूरी भुगतान पर मुहर लगवाना
नोटबंदी की मार से सुस्त और बेहाल छोटे और मझोले उद्योग (एमएसएमई) नकदी संकट के इस दौर में मजदूरी के भुगतान का रास्ता तलाशने में जुटे हैं।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो )। नोटबंदी की मार से सुस्त और बेहाल छोटे और मझोले उद्योग (एमएसएमई) नकदी संकट के इस दौर में मजदूरी के भुगतान का रास्ता तलाशने में जुटे हैं। सोमवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सरकार से यह अनुरोध करने पर सहमति बनी कि एमएसएमई को 30 दिसंबर तक 500 व 1000 रुपये के बंद नोटों से मजदूरी के भुगतान की छूट दी जाए। सरकार से यह मांग करने पर भी रजामंदी बनी की एमएसएमई को अपने मजदूरों के बैंक खाते खुलवाने के लिए दो-तीन महीने की मोहलत दे दी जाए।
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आइआइए के अध्यक्ष मनीष गोयल ने बताया कि बैठक में भाग लेने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आये पदाधिकारियों ने नोटबंदी से उपजे नकदी संकट के कारण एमएसएमई सेक्टर में आयी सुस्ती पर चिंता जतायी। पदाधिकारियों का कहना था कि उपभोक्ताओं के पास नकदी की किल्लत के कारण एक ओर मांग में भारी गिरावट आयी है। मजदूरों को मजदूरी के भुगतान के लिए रातों-रात उनके बैंक खाते खुलवा पाना संभव नहीं है। बैंकों से भी नयी नकदी मिलने में कठिनाई आ रही है। लिहाजा एमएसएमई को 30 दिसंबर तक पुराने नोटों से ही मजदूरी का भुगतान करने की छूट देने के लिए सरकार से अनुरोध करने पर सहमति बनी है। नोटबंदी का फैसला लागू होने के बाद बैंकों की जमाराशि तेजी से बढ़ी है। इसलिए बैठक में सरकार से यह भी मांग करने पर सभी एकमत थे कि एमएसएमई को पहले से ज्यादा और आसान शर्तों पर बैंकों से कर्ज मुहैया कराने की व्यवस्था की जाए।
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एमएसएमई कॉनक्लेव में जेटली आएंगे
आइआइए अध्यक्ष ने बताया कि छोटे व मझोले उद्योगों की वित्तीय स्थिति और उनके सामने आ रहीं समस्याओं पर विचार विमर्श के लिए 18 से 25 दिसंबर के बीच किसी एक दिन राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एमएसएमई कॉनक्लेव आयोजित किया जाएगा। कॉनक्लेव में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को आमंत्रित किया गया है। बैंकों के सीएमडी को भी न्योता भेजा गया है।