रायबरेली के सीवर लाइन के लिए की गई खोदाई, नाली ढही; कई मकानों के जमींदोज होने का खतरा

रायबरेली में सीवर प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार से लोगों की जान खतरे में। कई जगह सड़कें धंसी तो एक से डेढ़ फीट तक भरा पानी जोखिम में जान डालकर आ-जा रहे लोग। दीवारों में दरार आने से लोगों में दहशत व्याप्त।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 01:25 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 01:25 PM (IST)
रायबरेली के सीवर लाइन के लिए की गई खोदाई, नाली ढही; कई मकानों के जमींदोज होने का खतरा
रायबरेली में दीवारों में दरार आने से लोगों में दहशत व्याप्त।

रायबरेली, जेएनएन। सीवर प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार से लोगों की जान खतरे में पड़ गई है। सीवर लाइन के लिए की गई खोदाई और बारिश से आसपास की नालियां ढह गई हैं।कई मकानों के जमींदोज होने का खतरा मंडराने लगा है। दीवारों में दरार आने से लोगों में दहशत व्याप्त है। सूचना के बाद भी अभी तक जल निगम और न ही नगर पालिका से कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा।

अमृत योजना से शहर में सीवर लाइन का कार्य चल रहा है। इसे 31 मई को पूरा होना था। कार्यदायी संस्था की हीलाहवाली के चलते तीन महीने के लिए समय बढ़ा दिया गया है। वर्तमान में कई मुहल्लों में सड़को को उखाड़ दिया गया है। सीवर लाइन डालने के एक साल बाद भी मरम्मत नहीं की गई। वर्तमान में रायबरेली- परशदेपुर मार्ग पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से गोरा बाजार चौराहे तक सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। मुख्य लाइन होने के नाते 15 से 20 फीट तक की खोदाई की जा रही है। पिछले दो दिन से बारिश होने के कारण सड़क के आसपास की नालियां ढह गई हैं। वहीं कई घरों की दीवारें तिरछी हो गईं तो किसी में दरार आ गई है। इससे लोगों में हादसे का भय व्याप्त है। इतना ही नहीं आधा दर्जन मुहल्ले की दो दर्जन से अधिक सड़कें अधूरी हैं। सीवर लाइनों के कारण बारिश में धंस गई हैं। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद कोई सुध नहीं ले रहा है।

तोमर कंस्ट्रक्शन के आगे बेबस जल निगम: सीवर लाइन के देखरेख की जिम्मेदारी जल निगम की है। इस कार्य को कराने के लिए घारपूरे की फर्म को ठेका दिया गया है, लेकिन आधा से ज्यादा काम तोमर कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है। लगातार यहां पर घपलेबाजी हो रही है, जिसे रोकने में जल निगम के अफसर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। खोदाई के दौरान हजारों मीट्रिक टन मिट्टी तक बेच ली गई। आजतक सिर्फ नोटिस का ही खेल होता रहा है। सभासद संजय सिंह का कहना है कि सीवर की गहरी खोदाई के कारण बारिश में लोगों के जान पर बन आई हैं। सूचना के बाद भी कोई नहीं आया। 

नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव के मुताबिक, सीवर प्रोजेक्ट के देखरेख की पूरी जिम्मेदारी जल निगम की है। कई बार एक्सईएन से वार्ता भी की गई। इसके बावजूद कार्य में तेजी नहीं आ रही है। एक साल से सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई। जल्द ही उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी।

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