Coronavirus Lucknow News : आइसोलेशन के नाम पर तीन दिन में वसूले 87 हजार रुपये
Coronavirus Lucknow News पीड़ित ने की सीएम से गोमती नगर स्थित निजी अस्पताल की शिकायत की। 28 हजार से अधिक की कर डाली पैथोलॉजी जांच।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Lucknow News : राजधानी के निजी अस्पतालों में मची लूट की कहानियां मानवता को शर्मसार करने वाली है। यह कुकृत्य मरीाजों पर पड़ी आपदा में लूट का अवसर मान लेना जैसा है। शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों की ओर से किए जा रहे लूट के काले कारनामों की दैनिक जागरण के पास लंबी-चौड़ी सूची है, जो हम आपको मरीजों की जुबानी सुनाने जा रहे हैं, जिसे जानकर भी आपको यकीन करना मुश्किल होगा, मगर यह सच है।
गोमती नगर स्थित एक निजी अस्पताल ने कोरोना मरीज को सिर्फ आइसोलेट करने के लिए तीन दिन में 87 हजार रुपये लूट लिए। इतना ही नहीं भर्ती करने से पहले 45 हज़ार एडवांस भी जमा कराया। तब जाकर एडमिट किया। पीड़ित ने निजी अस्पताल के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर शिकायत की है। गोमती नगर के विनय खंड निवासी गौरव मिश्रा का आरोप है कि एक सितंबर को उन्होंने मल्हौर सीएचसी पर अपनी कोविड जांच कराई थी। अगले दिन उन्हें पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं।
45 हजार एडवांस देने के बाद हुए भर्ती
गौरव का कहना है कि तीन सितंबर को सीएमओ कार्यालय के माध्यम से वह गोमती नगर के मायो हॉस्पिटल गए। 45 हज़ार एडवांस देने के बाद एडमिट हो पाए। हालांकि वह एसिंप्टोमेटिक थे। उन्हें बीमारी के न तो कोई लक्षण थे और न ही कोई परेशानी, लेकिन अचानक कोई दिक्कत ना बढ़ जाये और उनकी वजह से परिवार का कोई सदस्य संक्रमित ना हो जाए। यह सोचकर निजी अस्पताल जाने का विकल्प चुन लिया।
सीएमओ ऑफिस ने बताया एक दिन में देने होंगे 10 हजार
जब उन्हें सीएमओ ऑफिस की तरफ से बताया गया कि लेवल-1 के लिए 10 हज़ार, लेवल-2 के लिए 15 व लेवल-3 के लिए अधिकतम 18 हज़ार ही निजी अस्पताल चार्ज कर सकेंगे। तब गौरव मिश्रा यह सोच कर चले गए कि उन्हें कोई लक्षण नहीं है। यानी कि वह एसिंप्टोमेटिक हैं। ऐसे में तीन दिन रहेंगे तो ज्यादा से ज्यादा तीस हज़ार ही देने होंगे। लेकिन जब उनके हाथ में बिल थमाया तो होश उड़ गए।
तीन दिन आइसोलेट करने का 87 हजार बनाया बिल
गौरव का आरोप है कि सीएमओ दफ़्तर की सूचना के अनुसार तीन दिन में 30 हजार के आसपास ही बिल होना चाहिए था। मगर डॉक्टर के कहने के बाद भी एक दिन विलंब से डिस्चार्ज किया। कुल 86,732 रुपये का बिल थमा दिया।
बेवजह कर डाली 28 हजार की जांच
उन्होंने आरोप लगाया कि न तो मुझे कोई लक्षण थे और न ही परेशानी। फिर भी 28 हजार 520 रुपये की जांच कर डाली। ताकि बिल को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा दवाओं का बिल भी 5662 रुपये वसूल किया। पीड़ित ने छह सितंबर को पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की है। वहीं इस मामले में मायो अस्पताल से कई बार संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका।
क्या कहते हैं सीएमओ कार्यवाहक ?
सीएमओ कार्यवाहक डॉ. एमके सिंह के मुताबिक, कोई भी अस्पताल निर्धारित दर से अधिक की वसूली नहीं कर सकता। मामले की जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।