सीबीआइ ने आइएएस की मौत का ब्योरा जुटाया, जांच पर निर्णय जल्द

सीबीआइ अधिकारियों ने आइएएस अनुराग तिवारी की मौत और पुलिस तफ्तीश का ब्योरा जुटाकर सीबीआइ मुख्यालय से केंद्रीय मंत्रालय को भेज दिया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 10 Jun 2017 07:40 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jun 2017 10:43 PM (IST)
सीबीआइ ने आइएएस की मौत का ब्योरा जुटाया, जांच पर निर्णय जल्द
सीबीआइ ने आइएएस की मौत का ब्योरा जुटाया, जांच पर निर्णय जल्द

लखनऊ (जेएनएन)। सीबीआइ अधिकारियों ने आइएएस अनुराग तिवारी की 17 मई को लखनऊ में मौत और उसकी पुलिस तफ्तीश का ब्योरा जुटा लिया है, जिसे सीबीआइ मुख्यालय के जरिये केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ इस घटना की जांच करने को तैयार है। ऐसे में जांच के लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। लाल बहादुर शास्त्री अकादमी मसूरी से मिड करियर प्रशिक्षण लेकर लखनऊ आये कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी वह लखनऊ में अपने बैचमेट आइएएस के साथ ठहरे थे। 17 मई की सुबह गेस्ट हाउस के चंद कदम पर उनका शव पाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना बताया गया था।

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घोटाला को लेकर मिल रही थी धमकी

अनुराग के भाई मयंक व परिवार के अन्य सदस्यों ने हत्या की आशंका जाहिर करते हुए हतरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मौत की सीबीआइ जांच की मांग की थी। अनुराग के परिवार के लोगों का कहना था कि वह कर्नाटक में खाद्य एवं रसद के घोटाले का पर्दाफाश करने वाले थे। उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही थी। अनुराग के परिवार की मांग पर योगी सरकार ने 23 मई को इस प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने का निर्णय लिया और उसका प्रोफार्मा भेज दिया था। एक पखवारे के अधिक का समय बीतने के बाद भी जांच को लेकर निर्णय नहीं होने पर गृह विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की। केंद्र के अधिकारियों ने बताया है कि प्रक्रिया चल रही है। सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि मौत की जांच से जुड़ा ब्योरा दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय भेजा गया है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि सीबीआइ मामले की जांच को तैयार है।

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कैसे होती सीबीआइ जांच

राज्य सरकार किसी प्रकरण की सीबीआइ से जांच के लिये निर्धारित प्रोफार्मा पर केस के सारांश व गंभीरता का उल्लेख कर उसे केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजती है। कार्मिक मंत्रालय उस पर सीबीआइ से राय मांगती है। यदि सीबीआइ केस की जांच को तैयार नहीं होती तो वह केस सामान्यत: उसे नहीं दिया जाता लेकिन, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट अगर किसी मामले की जांच का आदेश करता है तो सीबीआइ उसे मानने के लिए बाध्य होती है। अनुराग के मामले में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सीबीआइ से राय मांग ली है।

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