UP में श्मशान तक फैलीं जातिवाद की जड़ें, BSP मुखिया मायावती ने बताया अति शर्मनाक व निंदनीय
Caste factor in Crematorium in UP बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आगरा में दलित महिला के शव को श्मशान से उठाने के मामले को लेकर तीन ट्वीट किया है।
लखनऊ, जेएनएन। ताजनगरी आगरा में अंतिम संस्कार के दौरान दलित महिला के शव को उच्च वर्ग के लोगों के श्मशान घाट से हटाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण की सीओ को जांच सौंपी गई है, इसी बीच श्मशान तक फैलीं जातिवाद की जड़ों पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने करारा प्रहार किया है।
सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हो चुकीं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने दलित महिला के शव को श्मशान से उठाने के मामले को लेकर तीन ट्वीट किया है।
मायावती ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने चिता पर से इसलिए हटा दिया, क्योंकि वह श्मशान घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति शर्मनाक व अति-निंदनीय भी है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस जातिवादी घृणित मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए। इसके साथ ही दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले। बसपा की यहीं मांग है कि सजा इतनी कठोर हो कि प्रदेश में दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो सके।
मायावती ने लिखा कि इसके साथ ही, मध्य प्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डॉक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दु:खद है। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डॉक्टरी की पढ़ाई कराई।
गौरतलब है कि आगरा में जातिवाद किस कदर लोगों के दिल-ओ-दिमाग पर हावी है कि यहां एक दलित महिला के शव को लोगों ने 20 जुलाई को चिता पर से उठवा दिया। परिवारवालों ने गांव के बाहर एक श्मशान में अंतिम संस्कार की तैयारी की, लेकिन कुछ दबंगों ने वहां पहुंचकर शव को चिता से उठवा दिया। उन्होंने कहा कि श्मशान घाट उनका है, दलित यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। पीड़ित परिवार ने इसे अपनी किस्मत समझकर पुलिस में रिपोर्ट तक नहीं की और दूसरे श्मशान में जाकर अंतिम संस्कार किया। इस घटना के एक हफ्ते बाद पुलिस सक्रिय हुई है।
महिला की बीमारी से मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार से पहले गांव के कुछ दबंगों ने आकर मृतक के परिवार वालों को रोक दिया। मृतक का छह वर्ष का बेटा इन सब बातों से अनजान था। उसे तो यह भी पता था कि मां अब कभी नहीं उठेगी। बच्चा अपने दादा की मदद से मां की चिता के चक्कर लगा रहा था और मुखाग्नि देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दबंगों ने उसे रोक दिया। अछनेरा तहसील के रायभा गांव में नट जाति के लोग रहते हैं। काफी समय से श्मशान की जमीन को लेकर गांव के कुछ लोगों से उनका विवाद है। जब भी नट समाज में किसी की मौत होती है तो अंतिम संस्कार पर विवाद होता है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीओ अछनेरा को इस मामले की जांच सौंपी गई है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गांव में सात श्मशान हैं। जिन्हेंं अलग-अलग जाति के लोग इस्तेमाल करते हैं।