बदायूं में बवाल के बीच गुस्साई भीड़ ने थाना घेरा, बाजार बंद

बदायूं के बिनावर कस्बे में दुकान के आगे कूड़ा डालने का विरोध करने पर दूसरे समुदाय के लोगों ने व्यापारी पर हमला बोल कर उसके दो बेटों को चाकुओं से घायल कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर पथराव हुआ। व्यापारी पक्ष ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन शुरू

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 13 May 2015 08:01 PM (IST) Updated:Wed, 13 May 2015 09:25 PM (IST)
बदायूं में बवाल के बीच गुस्साई भीड़ ने थाना घेरा, बाजार बंद

लखनऊ। बदायूं के बिनावर कस्बे में दुकान के आगे कूड़ा डालने का विरोध करने पर दूसरे समुदाय के लोगों ने व्यापारी पर हमला बोल कर उसके दो बेटों को चाकुओं से घायल कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर पथराव हुआ। व्यापारी पक्ष ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालात काबू करने के लिए दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर भारी पुलिस तैनात कर दी गई है।

आज दोपहर साढ़े 12 बजे बिनावर निवासी सुरेश गुप्ता की दुकान के आगे आले हसन कई दिन से फलों का ठेला लगा रहा था। इससे दुकान के आगे कूड़े का ढेर लग गया। सुरेश ने ठेले को हटाने को कहा तो विवाद हो गया। बेटे अनुज गुप्ता और रोहित के आने के बाद मारपीट होने लगी। आले हसन के परिजन भी आ गए। हमलावरों ने अनुज और रोहित को चाकुओं से घायल कर दिया। जान बचाकर भागे तो दोनों को खून से लथपथ देख लोग भड़क उठे। दोनों पक्षों में पथराव होने लगा। कुछ ही देर में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से लोग कस्बे में पहुंच गए। दहशत में बाजार भी बंद हो गया। दोनों घायल युवकों को लेकर लोग थाने पहुंचे और हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस थाने से बाहर नहीं निकली तो थाने का घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

चूंकि बिनावर अतिसंवेदनशील है, इसलिए सांप्रदायिक विवाद की आशंका से पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। सात थानों का फोर्स लेकर एसपी सिटी अनिल कुमार यादव, एसडीएम सदर प्रदीप यादव मौके पर आ गए। एसपी सिटी ने पुलिस को तत्काल मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए तो पुलिस ने आले हसन आदि दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों घायलों को जिला अस्पताल भेजा। तनाव के मददेनजर कई थानों की फोर्स गश्त कर रही है। अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसपी ने बताया कि तनातनी के दौरान बाजार बंद कर वाहनों को कस्बे से बाहर ही रोक दिया गया था। हालात अब काबू में हैं।

उघैती में दबंगों ने धावा

बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र में एक अधिवक्ता के घर बैठे आरोपी को पकडऩे गई पुलिस की मौजूदगी में दबंगों ने धावा बोल दिया। घर को आग लगाने के साथ जमकर पथराव भी किया। अधिवक्ता और उनके भाई ने विरोध किया तो दोनों को जान से मारने की नीयत से जहर पिला दिया। महिलाओं की बेरहमी से जमकर पिटाई कर दी। वारदात के वक्त मूकदर्शक बनी रही पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बेहोश दोनों भाइयों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। शाम को दूसरे पक्ष की ओर से अधिवक्ता और उनके भाइयों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस की मौजूदगी में सनसनीखेज वारदात ने कानून व्यवस्था पर चुभने वाले सवाल खड़े कर दिये हैं।

पांच दिन पहले गांव मेवली निवासी प्रेमशंकर की बेटी की बरात परदलपुर गांव से आई थी। कुछ बराती युवकों ने गांव निवासी वीरेंद्र पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने का प्रयास किया था। पीडि़त ने थाना पुलिस को तीन नामजद सहित एक अज्ञात के खिलाफ तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की थी। लेकिन पुलिस ने नहीं की। बुधवार सुबह सात बजे परदलपुर निवासी राकेश मेवली में अधिवक्ता प्रमोद कुमार के घर आया हुआ था। उसी वक्त आए थाने पर तैनात सिपाही ओमकार एवं दयाशंकर ने घटना में राकेश का नाम बताकर उसे थाने ले जाने की बात कही। कुछ देर बाद सिपाही चले गए और दर्जनों लोगों को लेकर प्रमोद के घर लौट आए। भीड़ ने आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए पथराव कर दिया। हमलावरों ने अधिवक्ता और उनके भाई मुनीश कुमार को जबरन जहर पिला दिया। महिलाओं ने विरोध किया तो आगजनी कर जमकर मारपीट की। जहर से दोनों भाई बेहोश होकर गिर पड़े तो किसी ने सूचना एसओ नरेशपाल ङ्क्षसह को दे दी। एक घंटा तक पुलिस नहीं आयी तो एसपी देहात बालेंदु भूषण ङ्क्षसह को बताया गया। आखिरकार पुलिस गांव पहुंची और दोनों भाइयों को अस्पताल पहुंचाया। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसओ नरेशपाल ङ्क्षसह ने बताया कि दबिश दी जा रही है।

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