Article370Scrapped युवा MLA अदिति सिंह का कांग्रेस के सीनियर नेताओं को सबक, पार्टी लाइन से बड़ा देश हित

Article370Scrapped जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का भले ही कांग्रेस ने हर मंच पर विरोध किया है लेकिन अब पार्टी को अपने ही विधायक का विरोध झेलना पड़ रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 06 Aug 2019 01:20 PM (IST) Updated:Wed, 07 Aug 2019 07:44 AM (IST)
Article370Scrapped युवा MLA अदिति सिंह का कांग्रेस के सीनियर नेताओं को सबक, पार्टी लाइन से बड़ा देश हित
Article370Scrapped युवा MLA अदिति सिंह का कांग्रेस के सीनियर नेताओं को सबक, पार्टी लाइन से बड़ा देश हित

लखनऊ [धर्मेंद्र पाण्डेय]। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर केंद्र सरकार की सराहना करने वाली कांग्रेस की युवा विधायक अदिति सिंह अब सुर्खियों में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले राहुल गांधी के बेहद करीब कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी लाइन के खिलाफ कदम बढ़ाया है। 

साफ दिखाई दे रहा है कि अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले से कांग्रेस दो भागों में बंट गई है। मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसी नेता फैसले के साथ हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास नहीं पता है, उन लोगों से मुझे कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे नेता पहले कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़े, फिर कांग्रेस में रहे। गुलाम नबी आजाद ने सीधे-सीधे ऐसे लोगों को कांग्रेस छोडऩे का संकेत दे दिया है।

सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से सदर विधायक अदिति सिंह ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की सराहना की है। उनके इस कदम से अब कांग्रेस में खलबली मची है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता जहां नरेंद्र मोदी सरकार की निंदा कर रहे हैं, वहीं अदिति सिंह ने उन सभी से इस मामले में राजनीति न करने का आग्रह किया है। रायबरेली सदर से विधायक रहे बाहुबली अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह 2017 में विधायक बनी हैं। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का भले ही कांग्रेस ने हर मंच पर विरोध किया है, लेकिन अब पार्टी को युवा नेताओं जैसे अदिति सिंह व मिलिंद देवड़ा का विरोध झेलना पड़ रहा है। अदिति सिंह व मिलिंद देवड़ा में एक स्वर में नरेंद्र मोदी सरकार के निर्णय को सराहा है।

#WATCH Aditi Singh, Congress MLA Raebareli Sadar speaks on #Article370revoked: I'm in absolute support of the decision. It will help in integrating J&K into the mainstream. It's a historic decision. It should not be politicised. As an MLA, in my capacity, I welcome this decision. pic.twitter.com/fSmzpesjnB

— ANI UP (@ANINewsUP) August 6, 2019

रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया। सरकार को नसीहत देते हुए अदिति सिंह ने कहा कि इस मामले पर बारीकी से ध्यान दे कि किसी को कोई परेशानी न हो, इस मामले का राजनीतिकरण न करके इसे राष्ट्रीय मुद्दा बना कर आगे बढ़ा जाए। सरकार ने वहाँ के लोगो की आवाज बंद कर दी है, इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई है। पार्टी द्वारा विरोध किये जाने पर दी साफई, भारतीय नारी होने के नाते यह मेरी व्यक्तिगत राय है।

रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अनुच्छेद 370 पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया है। अदिति सिंह ने कहा कि मैं मोदी सरकार के फैसले को पूर्ण समर्थन करती हूं। इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिलेगी। मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। इसका जरा सा भी राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। मैं एक विधायक के रूप में इस फैसले का स्वागत करती हूं। अदिति सिंह ने कहा कि मैं एक जनप्रतिनिधि हूं, अत: मुझे जनता के साथ रहना चाहिए। किसी भी बात का बेवजह विरोध ठीक नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले जनार्दन द्विवेदी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरू राम मनोहर लोहिया हमेशा इस आर्टिकल के खिलाफ थे। इस मामले में भले देर से ही सही, इतिहास की एक गलती को अब दुरुस्त किया गया है। मैं इसका स्वागत करता हूं।

अदिति के साथ मिलिंद देवड़ा व दीपेंदर हुड्डा 

कांग्रेस कार्यसमित के सदस्य दीपेंदर हुड्डा ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का समर्थन किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो। युवा कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा भी मोदी सरकार के समर्थन में उतर आए. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को उदार बनाम रूढि़वादी बहस में तब्दील कर दिया गया। पार्टियों को अपनी विचारधारा से अलग हटकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है।

United we stand!

Jai Hind#Article370— Aditi Singh (@AditiSinghINC) August 5, 2019

कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर ट्वीट किया, हम एक साथ खड़े हैं। जय हिन्द। अनुच्छेद 370। उनके इस पोस्ट पर यूजर ने लिखा कि आप कांग्रेसी हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, मैं एक हिंदुस्तानी हूं।

राहुल गांधी ने कहा एक पक्षीय फैसले से तोड़ा कश्मीर

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने पर पहली बार बोले राहुल गांधी, कहा- देश लोगों से बना है, जमीन के टुकड़ों से नहीं जम्मू-कश्मीर। विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 है। जम्मू-कश्मीर को एकपक्षीय तरीके से तोड़कर, चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में बंदकर और संविधान की अवहेलना करके राष्ट्रीय अखंडता नहीं कायम की जा सकती। यह देश लोगों से बना है, जमीन टुकड़ों से नहीं। विधायी शक्तियों का बेजां इस्तेमाल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राहुल गांधी से पहले कहा कि गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है।

कांग्रेस के भीतर विरोध की स्थिति 

कश्मीर से अचानक अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है। कांग्रेस ने भले ही संसद में मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया हो, लेकिन पार्टी के भीतर इसको लेकर असमंजस है। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, शशि थरूर और पी चिंदबरम समेत कई दिग्गज नेता भले ही अपनी पार्टी लाइन के मुताबिक केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, वहीं कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का यह फैसला देश हित में है। इनमें युवा नेता अदिति सिंह व मिलिंद देवड़ा खुलकर सामने आ गए हैं। इन दोनों को राहुल गांधी का बेहद करीब माना जाता है। इनको सोनिया गांधी के करीबी जर्नादन द्विवेदी का भी समर्थन मिला है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले जनार्दन द्विवेदी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरू राम मनोहर लोहिया हमेशा इस आर्टिकल के खिलाफ थे। भले देर से ही सही, इतिहास की एक गलती को अब दुरुस्त किया गया है। मैं इसका स्वागत करता हूं। दीपेंद्र हुड्डा ने तो इस अनुच्छेद को लेकर ट्वीट किया कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है। हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया। दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया था, मेरी व्यतिगत राय रही है कि 21वी सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नही, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो।

मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस को अपने दल में ही विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने खुलकर अनुच्छेद 370 का समर्थन किया है। अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वालों में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी शामिल हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का पारा सातवें आसमान पर है। गुलाम नबी आजाद से जब ऐसे कांग्रेसी नेताओं के बारे में सवाल किया गया, तो वह भड़क उठे।

गुलाम नबी ने किया था विरोध

सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजे जाने के बाद से ही आशंकाएं थीं। गृहमंत्री अमित शाह सदन में आए तो एटम बम फट गया। जम्मू-कश्मीर के इतिहास की शुरुआत वहां के पीएम के साथ हुई थी, लेकिन अब आपने उसे लेफ्टिनेंट गवर्नर पर लाकर खत्म कर दिया है, ताकि आप चपरासी भी खुद नियुक्त कर सकें। वोट के लिए कश्मीर के टुकड़े कर दिए। भाजपा ने संविधान की हत्या कर एक राज्य का इतिहास ही खत्म कर दिया।

जानें, क्या है अनुच्छेद 370

भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करती है। धारा 370 भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद यानी धारा है, जो जम्मू-कश्मीर को भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार प्रदान करती है। भारतीय संविधान में अस्थाई, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग 21 का अनुच्छेद 370 प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विशेष हस्तक्षेप से तैयार किया गया था

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