अखिलेश की आशंकाः नेताजी से तो कोई कुछ भी फैसला करा ले

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ये तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं। नेताजी से कोई कुछ भी फैसले करा सकता है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Jan 2017 09:43 PM (IST) Updated:Sun, 01 Jan 2017 09:52 PM (IST)
अखिलेश की आशंकाः नेताजी से तो कोई कुछ भी फैसला करा ले

लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी कलह में जारी आरोप प्रत्यारोपों में मुलायम सिंह यादव की क्षमता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तो अधिवेशन के मंच से कहा कि नेताजी से कोई भी फैसले करा सकता है। ये तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं। न जाने नेताजी से मिलकर कौन क्या फैसला करवा दे? न जाने कौन क्या टाइप करा दे?

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बता दें कि राष्ट्रीय प्रतिनिधि अधिवेशन से पूर्व मुलायम सिंह यादव ने पत्र जारी कर अधिवेशन को असंवैधानिक और उसमें पारित हुए प्रस्तावों को अवैध करार दिया था। साथ ही अधिवेशन में शामिल होने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। दूसरे पत्र में उन्होंने कहा कि सीबीआइ से बचने और अपने कुकृत्य छिपाने के लिए अधिवेशन बुलाया गया है। इसके अलावा रविवार को मुलायम सिंह के हस्ताक्षरों से अन्य पत्र भी जारी किये गए। इनमें से एक में रामगोपाल यादव को निष्कासित करने के साथ ही अधिवेशन की वैधानिकता पर प्रश्न भी उठाया गया। इसके बाद किरनमय नंदा व नरेश अग्रवाल को भी निष्कासित करने का पत्र जारी किया गया।

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लेटर पैड का इस्तेमाल क्यों नहीं

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी विधानपरिषद सदस्य उदयवीर सिंह ने आरोप लगाया कि मुलायम के आदेश समाजवादी पार्टी के लेटर पैड से जारी क्यों नहीं हो रहे? पत्र पर मुलायम के दस्तखत तो हैं परंतु उनकेपद का हवाला नहीं दिया गया है। यदि मुलायम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो पत्र में उसका जिक्र क्यों नहीं? उन्होने आरोप लगाया कि नेताजी से पत्रों पर हस्ताक्षर जो भी लोग करा रहे हैं, वहीं उन्हें भ्रम में डालकर पार्टी में षड्यंत्र भी कर रहे हैं।

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