उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवा होगी शुरू

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से अस्पतालों में निर्धारित प्रोटोकाल का पालन कर सभी तरह की ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 16 Jun 2020 09:11 PM (IST) Updated:Wed, 17 Jun 2020 08:02 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवा होगी शुरू
उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवा होगी शुरू

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू होंगी। कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक आवश्यक सेवाओं से संबंधित ओपीडी सेवाएं ही अस्पतालों में चल रही थीं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से अस्पतालों में निर्धारित प्रोटोकाल का पालन कर सभी तरह की ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में भीड़ न हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन को विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार सभी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व अन्य अस्पतालों में इंफ्रारेड थर्मामीटर से मरीज व तीमारदार की स्क्रीनिंग होगी। मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार ही अस्पताल आ सकेगा। रोगी व उसके तीमारदार को मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा। तीमारदार के रूप में 60 वर्ष से अधिक के व्यक्ति, गर्भवती महिला व बच्चों के आने पर रोक रहेगी। ऐसे रोगी जिन्हें सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस लेने में दिक्कत होगी उन्हें पृथक कक्ष में बैठाया जाएगा। इन्हें पंजीकरण काउंटर पर जाने की अनुमति नहीं होगी। कक्ष में ही उपचार व जांच की सुविधा दी जाएगी। पंजीकरण काउंटर पर पर्चा बनाने वाले कर्मचारी को मास्क व ग्लव्स पहनना जरूरी होगी। ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जहां पर ओपीडी में ज्यादा मरीज आते हैं, वहां एक से अधिक पंजीकरण काउंटर बनाया जाएगा।

नॉन कम्युनिकेबल डिजीज जैसे शुगर व उच्च रक्तचाप आदि के रोगियों को एक महीने की दवा सरकारी अस्पताल में दी जाएगी ताकि उन्हें बार-बार अस्पताल न दौड़ना पड़े। वहीं एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट अस्पतालों में सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी। ओपीडी में आने वाले रोगियों को पहले से ही डॉक्टर समय देंगे। वहीं, एक घंटे में चार से पांच मरीज ही ओपीडी में दिखाने आएंगे। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को मेडिकल इंफेक्शन प्रीवेंसन प्रोटोकाल का प्रशिक्षण लेना होगा। निजी अस्पताल में मरीज व तीमारदार की स्क्रीनिंग के लिए एक अलग दल गठित किया जाएगा। चिकित्सालय में सुरक्षात्मक उपकरण जैसे ग्लव्स, मास्क और पीपीई किट व सैनिटाइजेशन आदि की व्यवस्था करनी होगी।

मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गईं थी। इसके बाद प्रथम चरण में बीते 24 मई से आवश्यक ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। अब दूसरे चरण में सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी।

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