'सरफरोश' के 'मिर्ची सेठ' पहुंचे नवाबों की नगरी लखनऊ

टीवी सीरियल चंद्रकांता और सरफरोश मूवी में अहम किरदार निभाने वाले एक्टर अखिलेंद्र मिश्रा से खास बातचीत।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 01 Mar 2019 06:29 PM (IST) Updated:Fri, 01 Mar 2019 06:29 PM (IST)
'सरफरोश' के 'मिर्ची सेठ' पहुंचे नवाबों की नगरी लखनऊ
'सरफरोश' के 'मिर्ची सेठ' पहुंचे नवाबों की नगरी लखनऊ

लखनऊ,जेएनएन।  लोग मुझे मेरे रियल नाम से कम मेरे किरदार से ज्यादा जानते हैं, कोई मुझे क्रूर सिंह कहता है, तो मिर्ची सेठ, कोई अमर चौधरी कहता है, तो कोई इक्का सेठ। यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि लोग मेरे किरदार को पसंद करते हैं। यह बातें अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने कहीं। लगभग 30 वर्षों से अभिनय कर रहे अखिलेंद्र मिश्रा ने थियेटर से अभिनय की शुरुआत की। उसके बाद टीवी और फिल्मों में काम किया। 

ज्यादातर निगेटिव किरदार निभाने वाले अखिलेंद्र ने धारावाहिक उड़ान, चंद्रकांता, रामायण, जीत जाएंगे हम, प्यार के पापड़ जैसे विभिन्न टीवी शो में काम किया। उन्होंने बेदर्दी, वीरगति सरफरोश, यह दिल, हलचल आदि फिल्मों में अभिनय के जौहर दिखाए। शुक्रवार को राजधानी पहुंचे अखिलेंद्र मिश्रा व आशय मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किए। 

मेरा काम बस अभिनय करना है

थियेटर, टीवी, फिल्म तीनों माध्यम में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले अखिलेंद्र मिश्रा ने बताया कि उनका काम बस अभिनय करना है, कहानी अच्छी लगती है, तो किरदार करता हूं। इसके अलावा थियेटर से कभी दूरी नहीं बनाता। 

-नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति से दूर हो रही है

आज की युवा पीढ़ी के बारे में अखिलेंद्र कहते हैं कि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति और परंपरा से दूर हो रही है। इसकी वजह शिक्षा प्रणाली है, आज के सिलेबस में महापुरुषों की जीवनी ही गायब हो गई है। सब पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हैं। ऐसे में भारतीय संस्कृति का परिदृश्य बदलता जा रहा है। 

हमारे वीर जवानों ने शानदार काम किया

भारत-पाकिस्तान की घटना के बारे में अखिलेंद्र ने वीर जवानों की तारीफ करते हुए कहाकि हमारे सैनिकों ने शानदार काम किया। हमें उन पर गर्व है। आखिर कब तक चुप बैठ सकते हैं। सेना को अपने हिसाब से आतंक फैलाने वालों पर कारवाई करने दें, हमारी सेना पूरी तरह से सक्षम है। 

बचपन का सपना सच हो गया : आशय मिश्रा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रहने वाले आशय ने बचपन में एक सपना देखा कि वह टीवी में नजर आए। उन्होंने बताया कि स्कूल और कॉलेज में नाटक करता था। गांव से मुंबई आया और थियेटर करने लगा। लगभग पांच साल से थियेटर कर रहा हूं। टीवी पर विज्ञापन से शुरुआत हुई। कई विज्ञापन किए। उसके बाद 'प्यार के पापड़ मेंÓ काम करने का मौका मिला। इस धारावाहिक में सभी कलाकार हमसे सीनियर हैं, हमने इन सभी से कुछ न कुछ जरूर सीखा है। मैं शुरू से ही अभिनेताओं को देखकर अभिनय सीखा हूं। 

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