बघौरा व ककरेला के हालात बेकाबू

तालबेहट (ललितपुर) : ग्रामीण क्षेत्रों में उल्टी-दस्त का प्रकोप निरन्तर जारी है। विकासखण्ड तालबेहट के

By Edited By: Publish:Tue, 26 Jul 2016 02:21 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jul 2016 02:21 AM (IST)
बघौरा व ककरेला के हालात बेकाबू

तालबेहट (ललितपुर) : ग्रामीण क्षेत्रों में उल्टी-दस्त का प्रकोप निरन्तर जारी है। विकासखण्ड तालबेहट के ग्राम बघौरा में एक सैकड़ा से ज्यादा लोग बीमारी की चपेट में आ गये। उल्टी दस्त से पीड़ित करीब एक दर्जन ग्रामीणों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। महिला की हालत गम्भीर होने पर उसे झाँसी रिफर कर दिया गया। गाँव में बीमार पड़े ग्रामीणों के हालात बेकाबू होने की सूचना जैसे ही एसडीएम हरीओम शर्मा को मिली। उन्होंने तत्काल चिकित्सकों की टीम गाँव भेजने के निर्देश दिये। एसडीएम के निर्देश पर अलर्ट हुआ स्वास्थ्य अमला आनन फानन में ग्राम बघौरा पहुँचा। जहाँ स्वास्थ्य टीम ने बीमारी से पीड़ित मरीजों को उपचार मुहैया कराया। गाँव में हालात बेकाबू बने हुये है। जिससे ग्रामीण दहशत में है।

भीषण गर्मी के बीचों बीच आसमान से हुई अचानक बारिश से बदले मौसम के मिजाज से गम्भीर बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिये। गाँव-गाँव में सैकड़ों लोग बीमारी की चपेट में आ गये। जिससे सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी व झोलाछाप चिकित्सकों के यहाँ भी मरीजों का भारी झमेला देखने को मिल रहा है। विकासखण्ड के ग्राम बघौरा में उल्टी दस्त का प्रकोप फैल गया। जिससे सैकड़ों मरीज बीमारी की चपेट में आ गये। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अतवल सिंह ने बताया कि भानसिंह व पुष्पेन्द्र सिंह पुत्र बल्देव सिंह, सुशीला पत्‍‌नी बल्देव सिंह, बृजेशराजा पत्‍‌नी संजूराजा, डौली पुत्री संजूराजा, चन्दा पत्‍‌नी भानसिंह व अभिराजा पुत्र भानसिंह व कामाख्या पत्‍‌नी पुष्पेन्द्र सिंह निवासीगण ग्राम बघौरा की हालत गम्भीर होने पर सभी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहाँ चिकित्सकों ने सभी का उपचार किया। उपचार के दौरान कामाख्या की हालत गम्भीर होने पर चिकित्सकों ने उसे मेडीकल कालेज झाँसी रिफर कर दिया। इसके अलावा इसी ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम ककरेला निवासी राघवेन्द्र सिंह पुत्र भुजबल सिंह, रम्भू पत्‍‌नी लम्पू, हल्के पुत्र लम्पू, रामसिंह पुत्र मनोहर सिंह पिछले दिनों से जिला चिकित्सालय में उपचार जारी था। जिनकी हालत में सुधार होने पर सोमवार को अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। उन्होंने बताया कि इसके अलावा बघौरा व ककरेला के करीब एक सैकड़ा लोग फिर भी गम्भीर बीमारी की चपेट में है। जिसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। एसडीएम के निर्देश पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सोनी ने डॉ. अशोक कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ग्राम बघौरा भेजी। जहाँ स्वास्थ्य टीम ने बीमार पड़े मरीजों को उपचार मुहैया कराया एवं दवायें वितरित कीं। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि बघौरा व ककरेला गई टीम ने करीब 94 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। स्वास्थ्य जाँच के दौरान ज्यादातर मरीज बुखार और सर्दी जुखाम के सामने आये। जिन्हे उपचार मुहैया करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की टीम गाँव के हालातों पर निरन्तर नजर रखेगी।

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झोलाछाप काट रहे चाँदी

तालबेहट: झोलाछाप चिकित्सकों के उपचार से कई मौतें होने की खबरे सामने आती रहीं। किन्तु प्रभावी कार्यवाही ना होने के चलते झोलाछाप चिकित्सकों के हौसलें बुलन्द है। इन दिनों फैली मौसमी बीमारी से गाँव के गाँव चपेट में आ गये। जिससे झोलाछाप चिकित्सक गम्भीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को उपचार के नाम पर खुलेआम निशाना बनाकर चाँदी काट रहे है। पिछले दिनों एक मामला सामने आया था। जिसमें हर्षपुर निवासी एक मासूम की मौत हो गई थी तब परिजनों द्वारा बताया गया था कि मासूम पुत्री का इलाज पिछले चार दिनों से एक झोलाछाप चिकित्सक के यहाँ जारी था। इसके बाद वायरल फीवर की चपेट में आयी एक विवाहिता भी चार दिनों तक नगर के एक झोलाछाप चिकित्सक के यहाँ उपचार कराती रही। जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। जहाँ उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही ना होने से विभागीय मिलीभगत होने की बू उठती दिखायी दे रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पाता है या नहीं। यह एक विचारणीय विषय होगा।

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