तिकुनिया के तीन गांव में कटान, रोकथाम के उपाय नहीं

प्रशासन बना मूकदर्शक कटान पीड़ितों में मचा हाहाकार। बचाव कार्य शुरू न कर प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है जिससे कटान पीड़ितों में भारी रोष बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 10:46 PM (IST)
तिकुनिया के तीन गांव में कटान, रोकथाम के उपाय नहीं
तिकुनिया के तीन गांव में कटान, रोकथाम के उपाय नहीं

लखीमपुर : तिकुनिया के ग्राम इंद्रनगर, गंगानगर, रननगर में हो रहे भीषण कटान को रोकने के लिए प्रशासन ने कोई उपाय नहीं किए हैं। इससे कटान पीड़ितों में हाहाकार मचा हुआ है। बचाव कार्य शुरू न कर प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है जिससे कटान पीड़ितों में भारी रोष बना हुआ है।

तिकुनिया के ग्राम इंद्रनगर, गंगानगर, रननगर में हरे-भरे खेत मोहाना नदी में समाते जा रहे हैं। दर्जनों घरों पर कटान का खतरा मंडराया हुआ है। जिम्मेदार अफसर अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय पूरी तरह उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। बचाव कार्य शुरू कराने की बजाय प्रशासनिक अधिकारी कटान पीड़ितों को आश्वासन की घुट्टी पिलाकर खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं। गंगानगर के ग्राम प्रधान मलूक सिंह ने बताया कि बचाव कार्य शुरू न होने से लोगों के खेत नदी में समाते जा रहे हैं। घरों पर भी कटान का खतरा बना हुआ है। परंतु जिम्मेदार अफसर बचाव कार्य शुरू करने की बजाय केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं। तीनों गांव के दर्जनों घरों के काफी नजदीक पहुंची मोहाना नदी ने इन परिवारों में त्राहि-त्राहि मचा रखी है। इतना ही नहीं तमाम घरों को तो मोहाना नदी बिल्कुल छू भी चुकी है। खेत नदी में समाने से जहां कटान पीड़ित पूरी तरह तबाह होता जा रहा है। वहीं घर कटने की कगार पर होने के कारण उनके सड़क पर आने तक की नौबत आती जा रही है। इसके बावजूद तहसील अमला पूरी तरह उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं।

बचाव कार्य के लिए भेजा गया पत्र : एसडीएम उप जिलाधिकारी निघासन ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि ग्राम इंद्रनगर, गंगानगर, रननगर में हो रहे कटान की सूचना उनको है। उन्होने सिचाई विभाग को बचाव कार्य शुरु करने का पत्र भी भेजा है।

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