खांडसारी इकाइयों के चलने से गन्ना किसानों को मिलेगी राहत

जिले में इस साल पिछले साल के मुकाबले अधिक खांसारी इकाइयां गन्ने की पेराई करेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 10:44 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 10:44 PM (IST)
खांडसारी इकाइयों के चलने से गन्ना किसानों को मिलेगी राहत
खांडसारी इकाइयों के चलने से गन्ना किसानों को मिलेगी राहत

लखीमपुर : जिले में इस साल पिछले साल के मुकाबले अधिक खांडसारी इकाइयां गन्ने की पेराई करेंगी। इससे अतिरिक्त गन्ने की खपत समय से हो जाएगी। गन्ना किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य भी मिल जाएगा और चीनी मिलों पर दबाव भी नहीं बढ़ेगा। अनुमान है कि सीजन में पिछले साल से अधिक गन्ने की पेराई होगी। जिले में नौ चीनी मिल हैं।

जिले में कभी 150 से अधिक क्रेशर (खांडसारी इकाई) संचालित थे। धीरे-धीरे चीनी मिलें बढ़ती गईं और खांडसारी उद्योग पर ग्रहण लगता गया। सरकार ने गन्ना किसानों को सहूलियत देने के लिए खांडसारी उद्योग को फिर से बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। पिछले साल कुल 18 ब्वॉयलर खांडसारी इकाइयां चली थीं। जिन्होंने पिछले साल पूरे सीजन में करीब दो करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई की थी। खांडसारी इकाइयों ने 4.43 लाख क्विटल चीनी का उत्पादन किया था। इस साल दिसंबर तक इनकी संख्या बढ़कर 22 हो जाएगी। इनके अलावा दो गुड़ इकाइयां भी शुरू हो जाएंगी। एक खांडसारी इकाई ने अपनी पेराई क्षमता बढ़ाई है। नई शुरू हो रही इकाइयां चीनी मिलों के बराबर पेराई करेंगी।

गुड़ के दाम कभी-कभी चीनी से भी अधिक हो जाते हैं। कोल्हू व क्रेशर के बढ़ने से हर साल कई लाख क्विंटल गन्ना चीनी मिलों में जाने से बचेगा। चीनी मिलों में चीनी का उत्पादन कम होगा और किसानों को भुगतान में तरलता आएगी। यह सभी चीजें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। छह नए लाइसेंस मिले थे खीरी जिले में छह नए लाइसेंस जारी हुए थे। इसमें से दो इकाइयां पिछले साल शुरू हो गईं थी। चार इकाइयां वर्ष दिसंबर माह में शुरू हो जाएंगी। यह खांडसारी इकाई गन्ना की पेराई कर चीनी बनाती हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार खांडसारी इकाइयों की जीएसटी शून्य है। गुड़ बनाने वाली खांडसारी इकाइयों को पंजीकरण की भी आवश्यकता नहीं है। गन्ना विकास कमीशन भी स्थगित है। सीएम उपाध्याय,

खांडसारी अधिकारी।

chat bot
आपका साथी