अफसरों के नाक के नीचे ब्लैक हो रहे स्टांप

जिले में इनदिनों स्टांप की कालाबाजारी धड़ल्ले से की जा रही है। स्टांप विक्रेता सौ रुपये का स्टांप ग्राहकों को 150 रुपये में बेंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 10:54 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 10:54 PM (IST)
अफसरों के नाक के नीचे ब्लैक हो रहे स्टांप
अफसरों के नाक के नीचे ब्लैक हो रहे स्टांप

लखीमपुर: जिले में इनदिनों स्टांप की कालाबाजारी धड़ल्ले से की जा रही है। स्टांप विक्रेता सौ रुपये का स्टांप ग्राहकों को 150 रुपये में बेंच रहे हैं। तहसील हो या कचहरी कहीं भी स्टांप आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। खास तौर से 100 रुपये से कम के स्टांप मिलना तो मुश्किल का काम है। शपथ पत्र में लगने वाले 10 व 20 रुपये के स्टांप भी कालाबाजारी में बेचे जा रहे हैं।

आपको जमीन खरीदनी या बेचनी है, बैंक में शपथ पत्र, विश्वविद्यालय में स्टांप की काफी जरूरत पड़ती है। आय-निवास प्रमाण पत्र बनवाने में भी शपथ पत्र की आवश्यकता पड़ती है। कुल मिलाकर आम आदमी के लिए स्टांप बेहद उपयोगी है। यानि हर काम शपथ पत्र से ही होने हैं लेकिन, जरूरतमंद स्टांप के लिए दर-दर भटक रहे हैं। लखीमपुर, गोला, पलिया या अन्य कोई भी तहसील हो आसानी से स्टांप नहीं मिल रहा है। कलेक्ट्रेट व कचेहरी जहां डीएम से लेकर राजस्व के अधिकारी बैठते हैं। यहां ट्रेजरी भी है और अफसर भी पूरी व्यवस्था की मॉनीट¨रग के लिए बैठे हुए हैं। फिर भी बिना डरे स्टांप की कालाबाजारी जोरों से की जा रही है।

दर-दर भटकने के बाद मिला स्टांप

शहर के सरनापुरम मुहल्ला निवासी ओंकारनाथ का कहना है कि बैंक में सौ रुपये का स्टांप लगाने के लिए वह कई वेंडरों के पास गए लेकिन, उन्हें स्टांप नहीं मिला। कचहरी में एक वेंडर से 100 रुपये का स्टांप 150 रुपये में मिला। वेंडर के पास यह भी पता चला कि स्टांप की कमी होने के कारण दूसरे जिलों से नकली स्टांप भी जिले में खपाए जा रहे हैं।

स्टांप की कोई कमी नहीं

ट्रेजरी अफसर आनंद कुमार ने बताया कि स्टांप नासिक से आता है। नई खेप आ गई है। स्टांप की कोई कमी नहीं है। अगर कोई वेंडर कालाबाजारी कर रहा है तो उसकी शिकायत एडीएम राजस्व के यहां करें। उस पर तत्काल कार्रवाई होगी। उसका लाइसेंस तक कैंसिल करने का प्रावधान है।

chat bot
आपका साथी