'नाम और रसूख' को पछाड़ धौरहरा में मुस्कराया 'कमल'

यहां की जनता ने बेहिचक मोदी के काम पर भरोसा जताया और पिछले साल से ज्यादा समर्थन रेखा वर्मा के पक्ष में खड़ा नजर आया। धौरहरा की किसी भी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो अपेक्षित विकास वहां नहीं हुआ हां केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ इस पूरे इलाके में जरूरतमंदों को जरूर मिला जोकि चुनाव में रेखा वर्मा को मिले मतों से साफ नजर आया। साथ ही इस जनादेश में एक संदेश ये भी छिपा नजर आया कि जिस धौरहरा को विकास की दरकार है उसकी ये मुराद पूरी होनी भी इस बार बेहद जरूरी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 11:45 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 11:45 PM (IST)
'नाम और रसूख' को पछाड़ धौरहरा में मुस्कराया 'कमल'
'नाम और रसूख' को पछाड़ धौरहरा में मुस्कराया 'कमल'

लखीमपुर: साल 2009 के आम चुनाव में वजूद में आई धौरहरा संसदीय सीट ने तीसरी बार अपना नया उम्मीदवार चुनने का ट्रेंड इस बार बदल दिया। शुरूआत से ही पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की मौजूदगी से वीआईपी मानी जाने वाली इस सीट पर इस बार वहां के वोटरों ने न तो बड़ा नाम देखा और न ही समझ में आया उनको प्रत्याशियों का ऊंचा रसूख। जातीय आंकड़ों पर भरोसा जताने वाले दलों को भी धौरहरा की जनता ने नकारते हुए धौरहरा की जनता ने इस चुनाव में लगातार दूसरी बार पुरानी सांसद रेखा वर्मा पर भरोसा जताया और जीत का सेहरा उनके सिर पर बांध दिया। पहले ही राउंड से ही खिला कमल चरण दर चरण और खिलता और मुस्कराता रहा। इतना ही नहीं इस जनादेश में चुनावी पंडितों के तमाम जातीय समीकरण तो ढेर हुए ही साथ ही उन लोगों को भी धौरहरा की जनता ने कड़ा सबक सिखाया जा पार्टी के अंदर रहकर कहीं न कहीं अपने ही दल की खाई खोदने का काम कर रहे थे।

तमाम मूलभूत सुविधाओं और विकासवाद की लौ देखने को बेताब यहां की जनता यूं तो अपनी सांसद से ज्यादा खुश नहीं थी और गाहे-बगाहे सोशल मीडिया पर जनता की नाराजगी भी मुखर होती दिखाई पड़ती रही लेकिन बात जब इवीएम का बटन दबाने की आई तो यहां की जनता ने बेहिचक मोदी के काम पर भरोसा जताया और पिछले साल से ज्यादा समर्थन रेखा वर्मा के पक्ष में खड़ा नजर आया। धौरहरा की किसी भी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो अपेक्षित विकास वहां नहीं हुआ हां केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ इस पूरे इलाके में जरूरतमंदों को जरूर मिला जोकि चुनाव में रेखा वर्मा को मिले मतों से साफ नजर आया। साथ ही इस जनादेश में एक संदेश ये भी छिपा नजर आया कि जिस धौरहरा को विकास की दरकार है उसकी ये मुराद पूरी होनी भी इस बार बेहद जरूरी है।

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