श्रद्धा के फूल महकाएंगे महिला बंदियों की मेहनत

लखीमपुरदेवी-देवताओं के चरणों पर चढ़े फूलों से स्वावलंबन की खुशबू उठेगी। छोटी काशी गोलागोकर्णनाथ के पौराणिक शिवालय समेत जिले के विभिन्न मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से अब जिला जेल में निरुद्ध महिला बंदी सहेजकर अगरबत्तियां बनाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 10:47 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 10:47 PM (IST)
श्रद्धा के फूल महकाएंगे महिला बंदियों की मेहनत
श्रद्धा के फूल महकाएंगे महिला बंदियों की मेहनत

लखीमपुर:देवी-देवताओं के चरणों पर चढ़े फूलों से स्वावलंबन की खुशबू उठेगी। छोटी काशी गोलागोकर्णनाथ के पौराणिक शिवालय समेत जिले के विभिन्न मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से अब जिला जेल में निरुद्ध महिला बंदी सहेजकर अगरबत्तियां बनाएंगी। एक दिन पहले बुधवार को राज्य विधिक प्राधिकरण के सदस्य सचिव अजय त्यागी ने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की।

जिला जेल में बंद करीब 60 से अधिक महिला बंदियों में से पचास ने इस काम के लिए हामी भर दी है। मंदिरों में चढ़े फूलों से खीरी की जिला जेल में 'देव धूलि' नामक अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाई जाने लगी है। एक महिला बंदी की आमदनी इस काम से प्रतिदिन सौ रुपये होगी। हर दिन एक महिला को फूलों के कम से कम दो किलो पाउडर से अगरबत्ती व धूपबत्ती बनानी होगी।

सामाजिक संस्था फूलों को पहुंचाएगी जेल

मंदिरों से फूलों को एकत्रित कर जेल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सामाजिक संस्था शहीद भगत सिंह नि:स्वार्थ सेवा समिति ने ली है। साथ ही तैयार माल की बाजार में बिक्री का जिम्मा भी ये संस्था उठाएगी। समित के अध्यक्ष जसपाल सिंह पाली ने महिला बंदियों को हर संभव मदद देने की बात कही है।

ऐसे तैयार होंगी अगरबत्ती व धूपबत्ती

अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देने वाले राज्य विधिक प्राधिकरण के प्रशिक्षक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने बताया कि पहले फूलों को सुखाया जाएगा। पूरी तरह सूखे फूलों का पाउडर बनाकर पेस्ट बनाया जाएगा। इसी सुगंधित पेस्ट से अगरबत्ती व धूपबत्ती बनेगी।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज सीनियर डिवीजन सीमा सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने महिला बंदियों को स्वालंबी बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है। जेल अधीक्षक आरबी पटेल ने बताया कि जल्द ही अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाने का काम बड़े पैमाने पर होगा। इसके लिए जरूरी मशीनों की भी व्यवस्था की जाएगी।

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