15 जिलों से अधिक है कुशीनगर की गन्ना उपज

पूर्वी उप्र का सबसे बड़ा गन्ना जनपद कुशीनगर का औसत उपज 735 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। पेराई सत्र 2016-17 में 669 क्विंटल था। 66 क्विंटल औसत उपज बढ़ा है

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Aug 2018 12:03 AM (IST) Updated:Tue, 28 Aug 2018 12:03 AM (IST)
15 जिलों से अधिक है कुशीनगर की गन्ना उपज
15 जिलों से अधिक है कुशीनगर की गन्ना उपज

कुशीनगर : पूर्वी उप्र का सबसे बड़ा गन्ना जनपद कुशीनगर का औसत उपज 735 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। पेराई सत्र 2016-17 में 669 क्विंटल था। 66 क्विंटल औसत उपज बढ़ा है। यह उपज पूर्वी उप्र के 15 जिलों से अधिक है। यह बात गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्त ने क्षेत्र के गांव खेदनी में आयोजित किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। कहा कि उप्र के कुल 43 जिलों में गन्ने की खेती होती है। इस जिले में उपज और बढेगी। गन्ना विकास की अपार संभावनाएं हैं। जिन किसानों ने गन्ना संस्थान से महाराष्ट्र, कर्नाल, हरियाणा, कोएंबटूर, तमिलनाडू प्रशिक्षण लिया है, उन्हें 900 से 1100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज मिल रहा है। पश्चिमी उप की चीनी मिलें कुशीनगर में गन्ना बोआई की नकल कर रही हैं। यहां के किसान शरदकालीन गन्ना अक्टूबर, नवंबर में बोते हैं जबकि पश्चिम में गेहूं काट कर बोया जाता है। उन्होंने कहा कि संस्थान गन्ने के साथ आलू, लहसून, प्याज बोने के लिए भी प्रशिक्षण दे रहा है। कसया गन्ना समिति के सचिव मुन्नी ¨सह यादव ने गन्ना सर्वेक्षण, घोषणा पत्र, आधार कार्ड व बैंक पासबुक की छायाप्रति जमा करने की जानकारी दी। बताया कि जो रिकार्ड नहीं देगा उसे सुविधा नहीं मिलेगा। 30 सितंबर तक नए सदस्य बन सकते हैं। इस अवसर पर किसान विश्वनाथ ठाकुर, राधा कृष्ण शर्मा, र¨वद्र यादव, अनिल यादव, गोरख यादव, श्रीनाथ, सुभाष यादव आदि उपस्थित रहे।

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