दियारा के गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, पलायन शुरू

महदेवा गांव के खास टोला के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। डेढ़ माह से कटान कर रही नारायणी सैकड़ों एकड़ फसल समेत खेत निगल चुकी। नदी गांव के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। आशियाना कटने के डर से ग्रामीण सहमे थे कि शुक्रवार को सुबह वाल्मीकि नगर बैराज का डिस्चार्ज बढ़ गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 11:57 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 11:57 PM (IST)
दियारा के गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, पलायन शुरू
दियारा के गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, पलायन शुरू

कुशीनगर: वाल्मीकि नगर बैराज से शुक्रवार की सुबह छह बजे 4.04 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किए जाने के बाद अचानक नारायणी का जलस्तर बढ़ गया। उफनाई नदी का पानी दियारा के महदेवा, सालिकपुर, शिवपुर, मरिचहवा, हरिहरपुर, नरायनपुर समेत अन्य गांवों में घुस गया है। शाहपुर व विध्याचलपुर में 5-6 फीट पानी भर गया है। कई दर्जन रिहायशी झोपड़ियां जमीन पर आ गिरीं। शिवपुर पुलिस चौकी पानी से घिर गई है। घरों में पानी घुसने के बाद आवश्यक सामान लेकर ग्रामीण पलायन करने लगे हैं।

महदेवा व सालिकपुर के ग्रामीण मवेशियों के साथ गांव से निकल कर हाईवे पर शरण लिए हैं। तहसील प्रशासन प्राथमिक विद्यालय और सालिगपुर पुलिस चौकी में राहत शिविर बना बाढ़ पीड़ितों के लिए टेंट-चारपाई व भोजन के इंतजाम में जुटा है। प्रशासन नाव की व्यवस्था कराने की बात कह रहा है। दियारा के गांवों में जाने वाली प्रमुख सड़कों समेत संपर्क मार्गों के ऊपर तेज धारा के साथ पानी बह रहा है। डिस्चार्ज बढ़ने और गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की जानकारी होने पर विधायक जटाशंकर त्रिपाठी व डीएम एस राजलिगम ने प्रभावित इलाके का जायजा लिया। डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिया कि बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविर में रखा जाए। उनके भोजन व मवेशियों के लिए चारा का इंतजाम किया जाए। डीएम व विधायक ट्रैक्टर से महदेवा गांव पहुंचे तो एसडीएम अरविद कुमार, तहसीलदार कृष्ण प्रताप त्रिपाठी व राजस्वकर्मी पहले से वहां मौजूद थे।

महदेवा खास टोला के लोगों की दुश्वारियां बढ़ीं

महदेवा गांव के खास टोला के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। डेढ़ माह से कटान कर रही नारायणी सैकड़ों एकड़ फसल समेत खेत निगल चुकी। नदी गांव के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। आशियाना कटने के डर से ग्रामीण सहमे थे कि शुक्रवार को सुबह वाल्मीकि नगर बैराज का डिस्चार्ज बढ़ गया। उफनाई नदी का पानी गांव में घुस गया। तुफानी, रामप्रवेश, रामजीत, भुवरी देवी, सुदामी देवी, सिधु देवी, बासमती देवी, बच्चन प्रसाद ने बताया कि हम लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। तहसील प्रशासन उच्चाधिकारियों को भ्रामक सूचना दे रहा है। इससे समय से बचाव व राहत की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

जलभराव से धान, गन्ना व केला की फसलों को क्षति

बाढ़ का पानी घुसने से खेतों में खड़ी धान, गन्ना व केले की फसल डूब गई है। किसानों का कहना है कि धान व गन्ने की फसल सूख जाएगी और केले की नर्सरी व पौधे सड़ जाएंगे। इसके पहले आई बाढ़ से फसलें कमजोर हो गई थीं, दोबारा जलभराव नहीं झेल पाएंगी।

जिलाधिकारी एस राजलिगम ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोगों व उनके मवेशियों के रहने, भोजन व चारा की व्यवस्था राहत शिविर में की जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी इंतजाम कराया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी