61 लाख लेकर आटो में सवार हुआ था सुरक्षा गार्ड

डेढ़ करोड़ के लूट मामले में जिस सुरक्षा गार्ड की भूमिका को लेकर हायतौबा मची है वह 61 लाख रुपये लेकर सोनबरसा में ही वैन से उतर गया था। पुलिस की जांच में पता चला है कि इन रुपयों को गोरखपुर शहर में तीन जगहों पर देना था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Dec 2018 11:54 PM (IST) Updated:Tue, 11 Dec 2018 11:54 PM (IST)
61 लाख लेकर आटो में सवार हुआ था सुरक्षा गार्ड
61 लाख लेकर आटो में सवार हुआ था सुरक्षा गार्ड

कुशीनगर : डेढ़ करोड़ के लूट मामले में जिस सुरक्षा गार्ड की भूमिका को लेकर हायतौबा मची है वह 61 लाख रुपये लेकर सोनबरसा में ही वैन से उतर गया था। पुलिस की जांच में पता चला है कि इन रुपयों को गोरखपुर शहर में तीन जगहों पर देना था। इससे साफ हो गया है कि कैशियर, चालक व सुरक्षा गार्ड तीनों ने ही अपनी जिम्मेदारी को लेकर लापरवाही बरती। इतना ही नहीं वैन की स्थिति बेहद जर्जर है। उसमें साइड शीशे तक नहीं लगे थे। ताकि वैन को ओवरटेक करते समय चालक को इसकी जानकारी हो सके।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कैश वैन के जरिये गोरखपुर शहर में संचालित एक मनी ट्रांसफर केंद्र पर 45 लाख रुपये देने थे। इसी तरह कर्मचारियों को एक स्थान पर सात तथा दूसरे स्थान पर नौ लाख रुपये उपलब्ध कराना था। 61 लाख रुपये झोले में रखकर सुरक्षा गार्ड सोनबरसा में उतर वहां से आटो में बैठ गोरखपुर के लिए रवाना हो गया।

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चालक व कैशियर का नहीं हुआ था सत्यापन

-बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस की जांच में यह बात भी उजागर हुई है कि चालक व कैशियर का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था। जो बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। चर्चा है कि पुलिस चालक व कैशियर के पुलिस रिकार्ड में इस बात का उल्लेख कर उनके काम करने पर सदा के लिए रोक लगाएगी।

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कंपनी को नहीं कर्मचारियों की जानकारी

-रेडिएंट कंपनी के पास उसके कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी नहीं है। पूछताछ के दौरान हैरान करने वाली यह बात सामने आई है। कंपनी के अधिकारियों के पास कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों से जुड़ा कोई रिकार्ड नहीं है। अफसरों के पास कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी उनके मोबाइल में सुरक्षित नंबर व नाम तक ही है। पुलिस अधिकारियों ने जब सवाल पूछे तो वह बगले झांकने लगे।

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हार्डकोर क्रिमिनल्स का ट्रेस किया जा रहा लोकेशन

-लूट की घटना को लेकर गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। सूत्रों के अनुसार मंडल के शातिर अपराधियों का लोकशेन ट्रेस किया जा रहा है। जोन स्तर पर तैनात अधिकारी भी घटना से जुड़े पल-पल का अपडेट ले रहे। देवरिया क्राइम ब्रांच की टीम भी बदमाशों की तलाश में लगी हुई है।

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सुबह नौ बजे ही कोतवाली पहुंचे कप्तान

-घटना को लेकर पुलिस महकमे के माथे पर बल आ गया है। घटनास्थल पर पहुंचे अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन दावा शेरपा तथा पुलिस महानिरीक्षक जय नारायण ¨सह ने घटना को बड़ी चुनौती बताते हुए शीघ्र पर्दाफाश का निर्देश दिया था। यही कारण रहा कि पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र सुबह नौ बजे हाटा कोतवाली पहुंच गए और देर शाम तक डटे रहे।

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कैश वैन को लेकर यह है आरबीआई का नियम

-कैश वैन फ्लीट आकार की हो।

-विशेष रूप से डिजाइन व निर्मित की गई हल्का वाणिज्यिक वाहन हो, जिसमें अलग-अलग यात्री व नकदी कक्ष हो।

-वैन में सीसीटीवी लगा हो।

-यात्री कक्ष में चालक के अलावा दो अभिरक्षक तथा दो सशस्त्र सुरक्षा गार्ड होने चाहिए।

-कैश वैन बिना सशस्त्र गार्ड के नहीं चलनी चाहिए।

-सशस्त्र गार्ड की सूची संबंधित पुलिस के पास जरुर हो।

-जीपीएस लगा हो, जिसकी सीधी निगरानी जियो-फें¨सग मैं¨पग से होनी चाहिए। निकटतम पुलिस स्टेशन का संकेत भी होना चाहिए।

-कैश वैन में ट्यूबलैस टायर, वायरलेस तथा हूटर होना चाहिए।

-वैन निरंतर एक ही रास्ते तथा समय से होकर नहीं गुजरेगी।

-एक निश्चित समय पर कर्मचारियों को बदल दिया जाए।

-कैश वैन आवाजाही दिन की रोशनी में ही हो मेट्रो व शहरी क्षेत्र में रियायत, अगर रात को वैन को रोका जाए तो पुलिस स्टेशन में।

-वैन में हर समय विप्रेषक बैंक के पत्र सहित उचित दस्तावेज हों।

-कर्मचारी पूरी तरह प्रशिक्षित हों।

-कर्मचारियों व चालक का चरित्र सत्यापित हो। उनकी पृष्ठभूमि की जांच भी कड़ाई से की जाए। उनके अंतिम दो पतों का पुलिस सत्यापन हो।

-कैश वैन हर पल इलेक्ट्रानिक निगरानी के अधीन हो।

-वैन में अग्नि सुरक्षा उपकरण व अलार्म हो।

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