रोगियों के लिए नाकाफी साबित हो रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

कासगंज संवाद सहयेागी कोरोना सहित अन्य रोगों से ग्रसित रोगियों के लिए जिले की स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 05:51 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 05:51 AM (IST)
रोगियों के लिए नाकाफी साबित हो रहीं स्वास्थ्य सेवाएं
रोगियों के लिए नाकाफी साबित हो रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

कासगंज, संवाद सहयेागी : कोरोना सहित अन्य रोगों से ग्रसित रोगियों के लिए जिले की स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। कस्बाई एंव ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जान को खतरे में डालकर झोलाझाप से उपचार कराने के लिए मजबूर हैं। कोरोना के खौफ के चलते निजी अस्पतालों में भी उपचार नहीं किया जा रहा है। रोगी और उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शासन एवं प्रशासन जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का भले ही दावा कर रहे हों, लेकिन जिले की व्यवस्थाएं सही नहीं हैं। इसके चलते रोगियों को पर्याप्त उपचार नहीं मिल पा रहा है। पीएचसी एवं सीएचसी पर कहीं चिकित्सकों का अभाव है तो कहीं संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। जबकि इन दिनों व्यवस्थाएं दुरुस्त रहनी चाहिए, लेकिन विभाग की सेवाएं नाकाफी हैं। ऐसे में रोगी और उनके तीमारदार सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने नहीं पहुंच रहें। वहीं, कोराना का खौफ इस कदर हावी है कि निजी नर्सिंग होम में रोगियों को बिना कोविड जांच के भर्ती नहीं किया जा रहा। वायरल फीवर सहित अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित रोगियों को अपनी जान खतरे में डालकर झोलाछाप से उपचार कराना पड़ रहा है। झोलाछाप के यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। लेकिन मजबूरी में रोगी और उनके तीमारदार उपचार करा रहे है। सड़क किनारे लगा देते हैं ड्रिप

कस्बाई इलाकों में झोलाछाप की स्थिति यह है कि वे रोगियों का अंदाजे से उपचार कर रहे है। गंजडुंडवारा में भी पानी की टंकी के निकट एक ऐसे ही झोलाछाप ने दुकान में पर्याप्त जगह न होने पर सड़क के किनारे स्थित दूसरी दुकान के चबूतरे पर रोगी को लिटाकर ड्रिप लगा दी। जिले में चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ की कमी है। संसाधन भी पर्याप्त नहीं है। जो भी स्ट्रक्चर मौजूद है। उसके अनुरूप ही विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी जन सेवाओं में जुटे हुए हैं।

- डा. अनिल कुमार, सीएमओ

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