डस्टबिन खरीद में बड़े घोटाले की 'बू'

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : स्वच्छता अभियान में डस्टबिन खरीद के नाम पर बड़ा खेल हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 07:42 PM (IST)
डस्टबिन खरीद में बड़े घोटाले की 'बू'
डस्टबिन खरीद में बड़े घोटाले की 'बू'

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : स्वच्छता अभियान में डस्टबिन खरीद के नाम पर बड़ा खेल हो गया। बिना लिखित आदेश जारी किए ही डीपीआरओ ने ग्राम प्रधानों को एक ग्राम पंचायत में 10 डस्टबिन सेट खरीदने के लिए कह दिया। घोटाले के बंकर में तैनात ठेकेदार सिग्नल मिलते ही बाहर आए और ताबड़तोड़ डस्टबिन की सप्लाई करते हुए तीन गुना भुगतान लेना शुरू कर दिया। एक हजार से 12 सौ रुपये तक के डस्टबिन सेट (नीला व हरा डस्टबिन) का 3600 रुपये लिया जा रहा है। अधिकांश पंचायतों में डस्टबिन पहुंच गए और अब भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कुछ प्रधानों ने तो भुगतान कर दिया, लेकिन कुछ ने शंका जाहिर की और दाम को लेकर सवाल उठाए। आखिरकार मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंचा तो सारी पोल खुलकर सामने आ रही है। अब जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने भी मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। इस समिति में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राजीव उपाध्याय, डीआइओएस अर¨वद कुमार व सहायक लेखाधिकारी कोषागार अनुज दीक्षित शामिल हैं।

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एक पंचायत से 36 हजार रुपये का भुगतान

जिले के दस ब्लॉकों में कुल 640 पंचायतें हैं। पंचायती राज विभाग की बैठकों के दौरान मौखिक आदेश हुए कि सभी ग्राम प्रधान अपने गांवों में दस-दस डस्टबिन सेट रखेंगे। उन्हें इसकी खरीद नहीं करनी है बल्कि ठेकेदार खुद ही यह उपलब्ध करा देगा। एक डस्टबिन सेट का 36 सौ रुपये यानी एक पंचायत से 36 हजार रुपये का भुगतान होना है। एक महीने के अंदर अधिकांश पंचायतों में डस्टबिन सप्लाई भी कर दिया। अब भुगतान को लेकर प्रधानों पर दबाव बनाया जा रहा है।

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अब तक क्या-क्या हुआ

- चोरी-छिपे अधिकांश जगहों पर डस्टबिन रखा गया।

- कुछ प्रधानों ने दबाव में आकर भुगतान भी कर दिया।

- कई प्रधानों ने शंका जाहिर की तो मामले का खुलासा हुआ।

- अब मामले में संबंधित अधिकारी बचाव का रास्ता खोज रहे हैं।

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पंचायतों को डस्टबिन रखवाने थे, लेकिन इसमें दाम तय नहीं थे। किससे लेना है, यह भी तय नहीं था। इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया था, लेकिन निदेशालय से जरूर निर्देश दिए गए थे। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

-अजय कुमार श्रीवास्तव, पंचायतराज अधिकारी, कानपुर देहात

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तीन सदस्यीय जांच टीम बैठा दी गई है। पूरे मामले की सत्यता जांच कर जल्द ही रिपोर्ट तलब की गई है। जिसमें जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

-राकेश कुमार सिंह, डीएम, कानपुर देहात

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