टैक्स में छूट मिलने से साबुन उद्योग को मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता कानपुर देहात लॉकडाउन के दौरान कोई भी उद्योग बिना प्रभावित हुए नहीं र

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:39 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 07:39 PM (IST)
टैक्स में छूट मिलने से साबुन उद्योग को मिलेगी राहत
टैक्स में छूट मिलने से साबुन उद्योग को मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : लॉकडाउन के दौरान कोई भी उद्योग बिना प्रभावित हुए नहीं रह सका है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के अंतर्गत साबुन उद्योग भी इससे अछूता नहीं रहा। अब आने वाले बजट को लेकर साबुन उद्योग से जुड़े उद्यमी सकारात्मक उम्मीद लगाए हैं। कॉरपोरेट टैक्स में छूट के साथ ही बजट में अन्य राहत पैकेज भी चाहते हैं।

केमिकल सहित अन्य कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोतरी से साबुन उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ा है। उद्योगों की गति मंद होने से उद्यमी आर्थिक संकट में हैं। ऐसे में आगामी बजट से उन्हें राहत की उम्मीद है। बजट में टैक्स छूट के साथ ही उद्यमी इंस्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र, परिवहन सहित अन्य क्षेत्र में बेहतरी की आस लगाए हैं। वहीं लॉकडाउन में साबुन उद्योग प्रभावित हुआ है। उत्पादन लागत बढ़ने के साथ ही बिक्री प्रभावित होने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अब इन्हें फिर से गति देने के लिए सरकार को बजट में विशेष पैकेज देने होंगे। इसके साथ ही जीएसटी को लेकर भी सरकार को विचार करना होगा। मौजूदा समय में कच्चे माल व तैयार माल में जीएसटी अलग-अलग है। इससे उन्हें कठिनाई होती है। राहत पैकेज मिलने से उद्यमियों को तमाम समस्याओं से उबरने का अवसर तो मिलेगा ही वहीं नए स्टार्टअप भी आएंगे। उद्यमियों के बयान

कारपोरेट टैक्स में मिले छोटे उद्योगों को राहत

उद्यमी विक्रम दुबे बताते हैं कि जीएसटी में एक समान टैक्स कर दिया गया है। इससे राहत है, लेकिन कारपोरेट टैक्स 25 फीसद लिया जा रहा है। ऐसे में बड़े उद्यमियों के लिए तो समस्या नहीं है, लेकिन मार्केट में बने रहने के लिए उनसे प्रतिस्पर्धा करने में वह नहीं टिक पाते। सरकार को बजट में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए कारपोरेट टैक्स में छूट देनी होगी। इससे छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। एक समान जीएसटी का तय हो दायरा

उद्यमी संजय गुप्ता बताते हैं कि पूर्व में सेल टैक्स व एक्साइज टैक्स अलग अलग थे। इसमें छोटे उद्यमियों को राहत थी, लेकिन अब सभी पर समान टैक्स सरकार की ओर से लगाया जा रहा है। इसके साथ ही कच्चे माल व अन्य केमिकल में अलग अलग जीएसटी तय है। कच्चे माल पर 5 फीसद तो कुछ केमिकल पर 12 फीसद जीएसटी है। वहीं तैयार माल पर 18 फीसद इसे एक समान करने से उद्यमियों को राहत मिलेगी।

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