72 घंटे का फरमान, 72 दिन से भटक रहे किसान

सीन-एक सिठमरा निवासी किसान सैयद दीन ने बताया कि जनवरी में 40 क्विटंल धान रूरा मंडी में बे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 10:59 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:07 AM (IST)
72 घंटे का फरमान, 72 दिन से भटक रहे किसान
72 घंटे का फरमान, 72 दिन से भटक रहे किसान

सीन-एक

सिठमरा निवासी किसान सैयद दीन ने बताया कि जनवरी में 40 क्विटंल धान रूरा मंडी में बेचा था। आरसीआइ केंद्र प्रभारी ने 72 घंटे बाद रुपये खाते में आने का दावा किया था। अब चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। सीन-दो

रसूलाबाद ब्लाक के सिमरामऊ निवासी किसान लालमन ने बताया कि 11 जनवरी को 28 क्विटंल धान रूरा मंडी स्थित नैफेड क्रय केंद्र पर बेचा था। 51,380 रुपये का भुगतान होना था पर पांच माह में धनराशि नहीं मिली है। अब दूसरी फसल भी प्रभावित हो रही है।

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अंकित त्रिपाठी, कानपुर देहात

महज 72 घंटे में धान बिक्री की धनराशि संबंधित किसान के बैंक खाते में भेजने का फरमान हवा में है। जिले में 72 दिन से करीब 50 किसान भुगतान पाने को भटक रहे हैं। यह दर्द अलग-अलग ब्लॉक क्षेत्र के किसानों का है। अब किसान प्रशासनिक लापरवाही को कोस रहे हैं। जिले के झींझक ब्लॉक अंतर्गत सिठमरा निवासी सैय्यद दीन, सिमरामऊ निवासी लालमन, कुवंर पाल ने बताया कि उनके साथ 50 किसान समस्या से जूझ रहे हैं। खरीफ क्रय वर्ष 2019-20 शासन के निर्देश पर शासन से धान खरीद के लिए 1835 रुपये समर्थन मूल्य तय था। आढ़तियों को बिक्री के लिहाज से प्रति क्विटंल अधिक रुपये मिलने के कारण बड़ी संख्या में किसानों ने खरीद केंद्रों में धान की बिक्री की। अब भुगतान के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

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इन एजेंसियों ने की थी खरीद

जिले में पीसीयू, पीसीएफ, यूपी एग्रो, नैफेड, आरसीआइ, खाद्य निगम समेत नौ एजेंसियों ने धान खरीद की थी। इनका कहना है

एजेंसियों से तत्काल फीडिग नहीं होने के कारण कई किसानों का भुगतान फंसा था। करीब 150 किसानों की शिकायत पर भुगतान शुरू कर दिया गया है। अब बाकी बचे किसानों की धनराशि एक सप्ताह में बैंक खातों में पहुंच जाएगी।

-शिशिर कुमार, जिला खाद्य विपणन अधिकारी कानपुर देहात।

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