प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया बल

संवाद सूत्र सरवनखेड़ा बीआरसी में प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम का बुधवार को आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Mar 2021 06:03 PM (IST) Updated:Wed, 17 Mar 2021 06:03 PM (IST)
प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया बल
प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया बल

संवाद सूत्र, सरवनखेड़ा : बीआरसी में प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम का बुधवार को आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बच्चों के शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों को भी जिम्मेदारी के बारे में बताया गया।

बीआरसी सरवनखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिलाध्यक्ष भाजपा अविनाश चौहान ने कहा कि जिस तरह बेसिक शिक्षा विभाग को हाईटेक किया गया है उसकी जानकारी समाज तक पहुंचाने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में प्रेरणा ज्ञानोत्सव मनाया जा रहा है। आज सरकारी स्कूल के बच्चे कॉन्वेंट स्कूलों से कम नहीं हैं। सरकार ने परिषदीय स्कूलों की काया ही बदल दी है। बीईओ अनूप कुमार सिंह ने कहा कि प्रेरणा ज्ञानोत्सव कार्यक्रम को सफल बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। शिक्षक इसे सफल बनाने को लेकर अभिभावकों व जनसमुदाय का सहयोग लें। शिक्षक शैक्षिक वातावरण विकसित करते हुए बच्चों में गृह और शैक्षणिक कार्य करने के प्रति रुचि पैदा करें। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल में विद्यार्थियों को शिक्षित करने की जितनी जिम्मेदारी शिक्षकों की है उतनी ही जिम्मेदारी घर पर अभिभावकों की भी है। एआरपी रुचिर मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान बीडीओ अशोक कुमार मौजूद रहे।

प्रेरक विद्यार्थी हुए सम्मानित

प्राथमिक विद्यालय चितरिया के कोहिनूर, प्राथमिक विद्यालय घनारामपुर की शिल्पी, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय जिठरौली की रोशनी, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय रनियां की प्रांजलि, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय की हर्षिता, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय लोहारी की मानसी देवी, प्राथमिक विद्यालय करवक की लक्ष्मी, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय सरवनखेड़ा के अंश, संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय गोगूमऊ के प्रतीक, प्राथमिक विद्यालय ज्युनियां के प्रतीक सिंह को प्रेरक विद्यार्थी घोषित किया गया। मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को पूरा करने वाले इन उत्कृष्ट 10 छात्र-छात्राओं को ब्लॉक स्तर पर प्रेरक बालक व प्रेरक बालिकाओं की संज्ञा दी गई, साथ ही इन विद्यार्थियों को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पुरस्कृत किया गया।

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