दूषित पानी पीने को मजबूर चार गांवों के लोग

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : शुद्ध पेयजल आपूर्ति की योजना की स्वीकृति मिलने के बावजूद चार गांव के

By Edited By: Publish:Sun, 28 Jun 2015 11:09 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jun 2015 11:09 PM (IST)
दूषित पानी पीने को मजबूर चार गांवों के लोग

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : शुद्ध पेयजल आपूर्ति की योजना की स्वीकृति मिलने के बावजूद चार गांव के लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार भूमिगत जल की शुद्धता के लिए वर्ष 2005 में कराए गए सर्वे में खल्ला, रनियां, मानपुर, घनारामपुर, मुंडादेव, कटरा, रामदीनपुरवा समेत 18 गांवों में दूसरे स्ट्रेटा का पानी दूषित मिला था। इसके बाद गांवों में टंकी बनाकर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति किए जाने की योजना तैयार की गई। 14 गांवों में टंकी बनाकर ग्रामीणों को जलापूर्ति शुरू कर दी गई लेकिन सरवनखेड़ा के घनारामपुर, मैथा के भीखर, राजपुर के मूड़ादेव व नैला गांव में आज भी ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। यहां जांच में दो सौ मीटर तक गहराई में पानी दूषित पाया गया है। इन गांवों में पेयजल योजना का काम सुस्ती की भेंट चढ़ गया है। सहायक अभियंता जल निगम आनंद दुबे ने बताया कि मुंड़ादेव में काम चल रहा है। कटरा में इसी माह काम शुरू कराया जाना है। भीखर में काम का टेंडर करा लिया गया है। यहां जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है, घनारामपुर में काम शुरू कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जांच में मिले हानिकारक तत्व : घनारामपुर गांव में दूसरे स्टेटा के पानी में सीमा से अधिक लौह तत्व पाया गया है। भीखर गांव में मानक स्तर से अधिक मैगनीज की मात्रा मिली है। कूड़ादेव व कटरा में पीडब्ल्यूएस तत्व की अधिकता पाई गई है।

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