कृषि नीति के लिए कसौटी है बुंदेलखंड : योगेंद्र यादव

राजनीतिज्ञ, चुनाव विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव एक किसान आंदोलन में बुंदेलखंड में थे। यहां उन्होंने किसानों के हित से लेकर भारतीय राजनीति और आम आदमी पार्टी की स्थिति पर बात की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Mar 2018 12:39 PM (IST) Updated:Tue, 27 Mar 2018 04:46 PM (IST)
कृषि नीति के लिए कसौटी है बुंदेलखंड : योगेंद्र यादव
कृषि नीति के लिए कसौटी है बुंदेलखंड : योगेंद्र यादव

जागरण संवाददाता, बांदा : देश का अन्नदाता लंबे समय से विभिन्न आंदोलन करता आ रहा है। इनमें कुछ सुर्खिया बन जाते हैं तो कुछ धरातल पर ही चल रहे हैं। बुंदेलखंड का किसान भी अब आदोलन की राह पर चल निकला है। यहा के हालात देश की कृषि नीति के लिए कसौटी है। जो नीति यहा खुशहाली ला सकती है वही नीति ठीक हो सकती है। उक्त बात स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने बड़ोखर खुर्द स्थित प्रगतिशील किसान प्रेमसिंह के आवास में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही। वह यहां किसानों के एक धरने में शामिल होने पहुंचे थे।

पिछले बीस दिनों से लघु व सीमात का दायरा बढ़ाए जाने की माग को लेकर चल रहे धरने में शामिल होने वह पहुंचे थे। जहा किसानों की माग को जायज बताते हुए खुद के समर्थन का ऐलान किया। साथ ही पाच दिवसीय किसानों की हड़ताल का भी समर्थन किया। इस मौके पर उनके साथ एमपी के मुल्तई से दो बार विधायक रहे व किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में बदहाली और पलायन की समस्या है। इसे पैकेज से एड्रेस नहीं कर सकते हैं। अंतिम किसान तक कुछ भी नहीं पहुंचा है। इसके लिए नई पहल ही समाधान हो सकती है।

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माफी मांगना अच्छा लेकिन इसे मजाक न बनाएं

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा माफी मागने के मामले पर कहा कि माफी मागना अच्छी व बड़ी बात है। यह बड़े दिल का काम है। राजनीतिक गलती पर सच्चे एहसास के साथ मागी जाए तो बेहतर है, लेकिन यह सब मजाक है। यह भावनाओं से जुड़ी बात होती है, इसे मजाक न बनाया जाए तो ही ठीक है।

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बीजेपी जितना तिकड़मी कोई नहीं

सपा-बसपा गठबंधन की बात पर कहा कि बीजेपी जितनी तिकड़म करती है उतना कोई नहीं। तिकड़म का मुकाबला तिकड़म से ही किया जा सकता है। लेकिन इसके पीछे देश के लिए कोई बड़ा सपना नहीं है। पहले भी दोनों दल साबित कर चुके हैं कि उनका सीमित खेल है। नरेंद्र मोदी ने झूठा ही सही लेकिन देशवासियों के सामने एक बड़ा सपना रखा था, लेकिन विपक्ष के गठबंधन में वह सपना न होकर केवल जोड़तोड़ ही है।

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