Bikru Case Update: सामने आया विकास दुबे गैंग का सच, पुलिस को कतई नहीं था अंदाजा

चौबेपुर के बिकरू गांव में रहने वाले दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का गैंग दबिश देने गई पुलिस टीम में शामिल सीओ समेत सात पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद सुर्खियों में अाया था। पुलिस की ओर से न्यायालय में आरोप पत्र में दाखिल करने के बाद सच सामने आया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 01:59 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 01:59 PM (IST)
Bikru Case Update: सामने आया विकास दुबे गैंग का सच, पुलिस को कतई नहीं था अंदाजा
कानपुर के बिकरू कांड में मुख्य आरोपित था विकास दुबे।

कानपुर, [अंकित त्रिपाठी]। बिकरू गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम को देखते ही कुख्यात विकास दुबे और उसके गैंग के गुर्गों ने गाली-गलौज शुरू कर दी थी। कुख्यात के घर से 20 मीटर दूर तक ही पुलिस पहुंची थी, तभी ललकार लगाकर जिंदा बचने के लिए वापस लौटने की ताकीद की गई थी। इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी, जिसका पुलिस को कतई अंदाजा नहीं था। चौबेपुर थाना पुलिस की ओर से न्यायालय में दाखिल किए गए आरोप पत्र में यह सच्चाई सामने आई है।

चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे व उसके गुर्गों की ताबड़तोड़ फायरिंग से बिल्हौर के तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। देर रात करीब 12:27 बजे पुलिस टीम कुख्यात विकास दुबे के दरवाजे पहुंची थी। वहां पहले से ही मुख्य मार्ग पर बुलडोजर खड़ा करके रास्ता रुका देख बगल से निकलकर विकास के घर की ओर बढ़ी थी, तभी विकास दुबे गैंग ने ललकार लगाई थी।

गालियां देते हुए कहा था कि पुलिस वालों यहां दबिश देने की हिम्मत कैसे पड़ गई? अब कोई बचकर नहीं जा सकेगा। इसके बाद करीब 60-70 लोगों ने तीनों दिशाओं से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। करीब एक घंटे तक विकास दुबे गैंग रुक-रुक कर फायरिंग करता रहा था। चौबेपुर थाना पुलिस की ओर से न्यायालय में दाखिल आरोप पत्र में विकास गैंग के गाली-गलौज करके पुलिस को ललकारने समेत अन्य तथ्यों का जिक्र है। आरोप पत्र में बिकरू में उस दिन 60-70 लोगों के फायरिंग करने की बात भी दी गई है। - देवेंद्र मिश्रा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता।

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