सियासत की जंग में बाप-बेटी का अलग-अलग पाला, दिलचस्प है औरैया की राजनीतिक उठा-पटक

औरैया की बिधूना विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रहे विनय शाक्य इस्तीफा देकर सपा की साइकिल पर सवार हो गए हैं और भाजपा ने उनकी बेटी रिया को टिकट देखकर राजनीति को नई दिशा दे दी है। हालांकि अब रिया पिता का आशीर्वाद साथ होने की बात कह रही हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 04:55 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 04:55 PM (IST)
सियासत की जंग में बाप-बेटी का अलग-अलग पाला, दिलचस्प है औरैया की राजनीतिक उठा-पटक
औरैया की बिधूना विधानसभा सीट पर नए मोड़ पर राजनीति।

औरैया, जागरण संवाददाता। चुनाव आने पर बड़े ही रोचक हालात सामने आते हैं, ऐसे ही हालात इन दिनों औरैया की बिधूना विधानसभा क्षेत्र की सियासत में बने हैं। यहां चुनावी मैदान पर बाप-बेटी के बीच सियासत की जंग छिड़ चुकी है और भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद राजनीति में दिलचस्प मोड़ आ गया है। भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ साइकिल पर सवार होने वाले बिधूना के विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य को टिकट दिया है। इसे रिया की भाजपा के प्रति निष्ठा का इनाम माना जा रहा है।

शाक्य परिवार के बीच अबतक की जंग

कैबिनेट मंत्री पद से स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देते ही उनके खास माने जाने वाले बिधूना विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने वीडियो वायरल करके चाचा और दादी पर गंभीर आरोप लगाए थे। एसपी ने देर शाम ही वीडियो जारी करके भाजपा विधायक विनय शाक्य का इटावा के पैतृक आवास में सुरक्षित होने का दावा किया था। दूसरे दिन ही विनय शाक्य के साथ भाई देवेश शाक्य की तस्वीर सामने आई थी, जिसमें बीमार विधायक ने इशारों में बेटी के आरोपों को गलत बताते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हमेशा रहने की बात कही थी। अगले दिन विनय शाक्य ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और सपा में शामिल हो गए थे। इसपर उनकी बेटी रिया शाक्य और सिद्धार्थ शाक्य ने वीडियो वायरल करके चाचा द्वारा बीमार पिता को बरगलाने का आरोप लगाते हुए अपनी निष्ठा भाजपा के साथ होने की बात कही थी। अपने चाचा देवेश पर आरोप मढ़े थे कि उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए बीमार चल रहे विनय शाक्य को सपा में जाने को मजबूर किया। रिया ने चाचा और दादी पर जबरन पिता को लखनऊ ले जाने का आरोप लगाया था। रिया शाक्य व उनके भाई सिद्धार्थ पिता के सपा में शामिल होने के बाद से एक ही बात कह रहे थे कि पिता को चुनाव लडऩा ही नहीं, चाचा की नजर उनके बनाए किले पर हैं।

भाजपा के प्रत्याशियों की लिस्ट में आया रिया का नाम

भाजपा ने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की तो उसमें बिधूना विधानसभा सीट से रिया का नाम शामिल देखकर शाक्य परिवार में कई के चेहरे का रंग उड़ गया। हालांकि, रिया के लिए भी सीट कहीं न कहीं चुनौतीपूर्ण होगी। उधर, रिया के प्रत्याशी घोषित होते ही चाचा देवेश शाक्य का मोबाइल फोन बंद है। विनय शाक्य फिलहाल उनके साथ ही इटावा में हैं। अब देखना होगा कि बदले परिदृश्य में पिता और चाचा का क्या कदम होगा। सपा के प्रति निष्ठा चुनाव में दिखाएंगे या उनके समर्थकों की ताकत रिया को मिलेगी। यहां रिया ने कहीं न कहीं दल-बदल की राजनीति को झटका दिया है। भाजपा ने 26 वर्षीय रिया के चेहरे के बहाने युवाओं का वोट साधने का दांव चला है।

बदल गए रिया के सुर

बिधूना सीट पर भाजपा से टिकट मिलने के बाद रिया शाक्य का कहना है कि विकास का एजेंडा ही सबका आशीर्वाद दिलाएगा। पिता विनय शाक्य और चाचा देवेश से ही उन्हें प्यार मिलेगा और किसी से उन्हें कोई गिला व शिकायत नहीं है। भाजपा ने मेरी निष्ठा को और ज्यादा मजबूती दी है। बिधनू के मैदान में कोई मुझे कोई चुनौती नहीं है।

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