तीन माह पूर्व घंटाघर से फरार हुए संदिग्ध कौन?

हिजबुल आतंकी कमरुज्जमां की गिरफ्तारी के बाद खुफिया टीमें भी छानबीन में जुटीं। मोबाइल के कॉल रिकार्ड व विदेशों में हो रही कॉलिंग के जरिए हो रही पड़ताल।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 04:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 04:23 PM (IST)
तीन माह पूर्व घंटाघर से फरार हुए संदिग्ध कौन?
तीन माह पूर्व घंटाघर से फरार हुए संदिग्ध कौन?

कानपुर (जागरण संवाददाता)। तीन माह पूर्व रात के अंधेरे में घंटाघर व स्टेशन पर चला एटीएस व पुलिस टीम का सर्च ऑपरेशन कहीं हिजबुल आतंकियों के खिलाफ ही तो नहीं था। कमरुज्जमां के पकड़े जाने के बाद अब उस ऑपरेशन पर सवाल उठ रहे हैं। कमरुज्जमां ने भी पूछताछ में बताया है कि वह तीन माह पूर्व ही शहर आया था और दो महीने पहले उसने चकेरी में किराये पर कमरा लिया था।

तीन माह पूर्व तत्कालीन एसपी पूर्वी अनुराग आर्य व लखनऊ से आई एटीएस कमांडो टीम ने घंटाघर, रेलवे स्टेशन व आसपास के होटलों में सर्च ऑपरेशन चलाया था। टीम को जम्मू के कुछ आतंकियों की तलाश थी। एटीएस टीम को एक होटल की तीसरी मंजिल पर आतंकी के रुकने की पुख्ता जानकारी भी मिली थी। टीम ने उस होटल में छापा मारा तो वहां कमरे में एक युवक का बैग मिला।

बैग में मिले पहचान पत्र के जरिए टीम ने उस युवक को बुलाकर पूछताछ की। वह शख्स वो नहीं था, जिसकी एटीएस को तलाश थी। करीब पांच घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद टीम बैरंग लौट गई। माना जा रहा है कि जिन संदिग्धों की एटीएस को उस वक्त तलाश थी वह कमरुज्जमां और उसके साथी ही थे। क्योंकि उसी वक्त कमरुज्जमां जम्मू से लौटा था। एटीएस सूत्रों ने बताया कि कमरुज्जमां रेलवे के जरिए ही शहर आया था। साथ ही घंटाघर के ही होटल पर रुककर उसने गणेश मंदिर की रेकी की थी।

कई संदिग्ध एटीएस व खुफिया के रडार पर

हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां उर्फ डॉ. हुरैरा की गिरफ्तारी के बाद अभी कई संदिग्ध एटीएस और खुफिया टीमों के रडार पर हैं। उसकी कॉल डिटेल आने के बाद और कानपुर से विदेशों में हो रही कॉलिंग के आधार पर अब तक करीब डेढ़ दर्जन संदिग्ध चिह्नित हुए हैं। एनआइए के साथ आर्मी इंटेलिजेंस भी इन संदिग्धों का ब्योरा जुटा रही है।

कमरुज्जमां के पास बरामद हुए मोबाइल में दो सिमकार्ड मिले थे। एटीएस टीम ने दोनों सिमकार्ड से हुई कॉलिंग का पूरा ब्योरा निकलवा लिया है। इसके आधार पर करीब एक दर्जन ऐसे नंबर सामने आए हैं, जिनसे लगातार लंबी बातचीत हुई। वहीं कुछ नंबर उसके रिश्तेदारों के भी सामने आए हैं। एटीएस टीम असोम व अन्य स्थानों पर उन सभी से पूछताछ कर रही है। वहीं इंटेलिजेंस टीम को भी कानपुर से पाकिस्तान व खाड़ी देशों के कई नंबरों पर लंबी बातचीत होने की जानकारी मिली है।

सैटेलाइट व बीटीएस के जरिए कुछ नंबर ट्रेस भी हुए हैं। इसके आधार पर भी कई लोग पूछताछ के दायरे में आ सकते हैं। एटीएस सूत्रों ने बताया कि जम्मू में जिन नंबरों पर कमरुज्जमां की बातचीत हुई। वे नंबर किन लोगों के हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है। जल्द ही एक टीम जम्मू-कश्मीर रवाना हो सकती है।

फिर गायब हुआ उजियारी लाल

संदिग्ध आतंकवादी पकड़े जाने के बाद से गायब मकान मालिक उजियारी लाल रविवार को अपने मकान पर पहुंचा। आधे घंटे रुकने व किराएदारों से पूछताछ कर फिर भाग निकला। चकेरी गांव निवासी उजियारी लाल के मकान से हिजबुल आतंकी क मरुज्जमां के पकड़े जाने के बाद फोन बंद कर लिया था। एक जनप्रतिनिधि के माध्यम से उसे बुलाने का प्रयास एटीएस टीम ने किया लेकिन वह आया नहीं।

रविवार दोपहर उजियारी मकान पर पहुंचा और किरायेदारों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी ली। किरायेदारों से पुलिस आने के बारे में पूछताछ की और उनसे कहा कि तुम लोग डरो नहीं। पुलिस प्रशासन सब साथ है। इसके बाद बिना कुछ बताए ही वह चला गया और अपना मोबाइल फिर स्विच ऑफ कर लिया। शाम को चकेरी पुलिस ने आकर उजियारी लाल के मकान के बाकी किरायेदारों के नाम व मूल पते रजिस्टर में लिखे। सभी के पहचान पत्र की कॉपी भी ली। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि जांच में एटीएस को अगर उजियारी लाल की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

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