दारोगा को न्यायालय की अवहेलना करना पड़ा भारी, पहुंच गए हवालात

कई बार सूचना देने के बाद भी अदालत में नहीं हुए थे उपस्थित न्यायालय ने दारोगा को कस्टडी में लेकर लगाया अर्थदंड।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 15 Apr 2019 10:45 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 10:23 AM (IST)
दारोगा को न्यायालय की अवहेलना करना पड़ा भारी, पहुंच गए हवालात
दारोगा को न्यायालय की अवहेलना करना पड़ा भारी, पहुंच गए हवालात

औरैया, जागरण संवाददाता। न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना दारोगा को महंगा पड़ गया। कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी गवाही के लिए उपस्थित न होने और साक्ष्य न दिए जाने पर जिला जज सुशील कुमार की अदालत ने दारोगा को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया। साथ ही सौ रुपये अर्थदंड लगा पुलिस अधीक्षक को सर्विस रिकार्ड में इंट्री करने का आदेश दिया। अर्थदंड जमा न करने पर एक सप्ताह की सजा तक का आदेश भी दिया। बाद में जुर्माना जमा कर दारोगा रिहा हुए।

सत्र न्यायालय सुशील कुमार की कोर्ट में चल रहे हत्या के एक मुकदमे में विवेचक एरवाकटरा के सबइंस्पेक्टर मानवेंद्र ङ्क्षसह को तलब किया गया। कई बार समन भेजने के बाद भी वह उपस्थित नहीं हुए, जबकि मुकदमे के लिए उच्च न्यायालय ने यह निर्देशित कर रखा है कि मामले का विचारण 31 दिसंबर 2018 तक पूर्ण कर लिया जाए। कोर्ट ने दारोगा के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया व पुलिस अधीक्षक औरैया को पत्र लिखा कि उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए।

सोमवार को जब दारोगा मानवेंद्र सत्र न्यायालय में उपस्थित हुए तो जिला जज ने न्यायिक अभिरक्षा में लेकर कोर्ट की हवालात में निरुद्ध कर दिया। बाद में धारा 350 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रदत्त किए गए नोटिस का जवाब प्राप्त होने पर दोषी माना तथा 100 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार ने यह भी आदेशित किया कि एसपी सभी अधीनस्थ पुलिस कर्मियों को निर्देशित कर दें कि नीयत तिथि को न्यायालय उपस्थित होना सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में न्यायालय को इस आदेश में वर्णित अप्रिय कार्रवाई करने के लिए बाध्य न होना पड़े। 

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